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तुर्की के ना’पाक’ गठबंधन से भारत नाराज, पीएम मोदी का प्रस्तावित तुर्की दौरा रद्द!

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान का समर्थन करने को लेकर भारत और तुर्की के बीच संबंधों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना प्रस्तावित तुर्की (Turkey) दौरा रद्द कर दिया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिसंबर माह में तुर्की (Turkey) के दौरे पर जाना था लेकिन यूएन में तुर्की द्वारा कश्मीर मसले को जिस तरह से उठाया गया उसे लेकर भारत ने विरोध जताया था. इसके बाद जब तुर्की ने सीरिया पर हमला किया तो भारत ने तुर्की के इस कदम का विरोध किया

बीते 2 महीनों से भारत और तुर्की के बीच संबंधों में खटास देखने को मिली है. हालांकि पीएम मोदी के तुर्की दौरे को रद्द किए जाने की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि भारत ने पीएम मोदी का तुर्की दौरा रद्द कर दिया है.पीएम मोदी ने तुर्की को सबक सिखाने की ठान ली है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुर्की की यात्रा इस महीने के आखिर में होने वाली थी. 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब के मेगा इन्वेस्टमेन्ट सम्मेलन में जाने के बाद वह तुर्की के अंकारा भी जाने वाले थे. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने अंकारा यात्रा का कार्यक्रम रद्द कर दिया है. हालांकि इस दौरे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी. लेकिन इसकी तैयारियां चल रही थीं.

तुर्की लगातार कर रहा है गुस्ताखियां
तुर्की का बुरा समय अब नजदीक आ गया है. केवल भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वह ऐसी गलतियां करने लगा है जिसका बेहद बुरा खमियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है. तुर्की ने एक तो बिना वजह भारत से अपने संबंधों को ताक पर रखकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का मुद्दा उठाया. यहां तक कि आतंकियों से संबंध के सभी सबूत होने के बावजूद उसने एफएटीएफ में पाकिस्तान का साथ दिया. पाकिस्तान जैसे आतंकी समर्थक देश के साथ खड़े होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुर्की की छवि धूमिल हुई है.

सीरिया में तुर्की कर रहा है मानवाधिकारों का उल्लंघन
तुर्की ने दूसरी सबसे बड़ी गलती की है कि उसने  सीरिया की सीमा के 32 किलोमीटर अंदर हमला बोल दिया है. इसके खिलाफ पूरी दुनिया खड़ी हो गई है. लेकिन सबकी अपील को नजरअंदाज करते हुए तुर्की अपने कदम वापस खींचने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि तुर्की इस इलाके में कुर्द इलाकों में रासायनिक हथियारों का भी इस्तेमाल कर रहा है.

तुर्की के इस दुस्साहस के खिलाफ अमेरिका ने उसे चेतावनी दी है. यूरोपीय संघ के देशों ने उसे हथियारों की सप्लाई रोक दी है. रुस ने भी तुर्की के खिलाफ सीरिया सरकार का समर्थन किया है. लेकिन तुर्की हमले रोकने के लिए तैयार नहीं हुआ. जिसके कारण अमेरिका ने उसपर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी. जिसके बाद तुर्की ने सीरिया में अपने हमलों को 5 दिनों के लिए स्थगित किया.

भारत से मधुर संबंधों का तुर्की ने नहीं किया लिहाज
तुर्की से भारत के अच्छे संबंध रहे हैं. साल 2015 में पीएम मोदी ने जी-20 बैठक के लिए तुर्की का दौरा किया था. जुलाई 2018 में तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यब एर्दोवान दो दिनों के लिए भारत भी आए थे. इसी साल ओसाका में जी-20 बैठक से परे पीएम मोदी ने अलग से तुर्की राष्ट्रपति एर्दोवान से मुलाकात भी की थी. लेकिन तुर्की ने भारत के साथ संबंधों की लाज नहीं रखते हुए खुलेआम गलती कर रहे पाकिस्तान का साथ दिया. लेकिन उसकी यह गुस्ताखी अब उसे महंगी पड़ने वाली है. क्योंकि भारत ने तुर्की से होने वाले आयातों को प्रतिबंधित करने का भी मन बना लिया है.

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