ट्रिपल तलाक पर चर्चा Live: लोकसभा में पेश हुआ बिल, सरकार और विपक्ष में हो रही है तीखी बहस

नई दिल्ली। मुस्लिम समाज से जुड़ी प्रथा एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोक सभा में पेश कर दिया है। ​कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को पेश करते हुए कहा यह बिल मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए है। वहीं दूसरी ओर सदन में विपक्ष के नेता मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने इसे सलेक्‍ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी अपने सांसदों की बैठक बुलाई। संसद भवन में हुई कांग्रेस की इस बैठक में बिल को स्‍टैंडिंग कमेटी के पास भेजने पर फैसला हुआ है। ​इससे पहले कांग्रेस ने इस पर सहमति जताई थी कि वह ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी। बिल को देखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी राजनीतिक पार्टियों के बीच लॉबिंग के प्रयास में लग गई है।

ये हैं कड़े प्रावधान 

तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। यह तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है। इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा तथा इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है। कुछ दलों के विरोध के मद्देनजर सरकार ने जमानत के प्रावधान सहित कुछ संशोधनों को मंजूरी प्रदान की थी ताकि राजनीतिक दलों में विधेयक को लेकर स्वीकार्यकता बढ़ सके।

कांग्रेस मीटिंग के बाद तय करेगी रुख 

लोकसभा में तीन तलाक विरोधी विधेयक पर चर्चा से पहले आज सुबह कांग्रेस सांसदों की बैठक होगी जिसमें इस संदर्भ में पार्टी के रुख पर निर्णय होने की संभावना है। पार्टी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ पर होने वाली चर्चा में वह भाग लेगी। कांग्रेस पिछले हफ्ते तीन तलाक विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेने के लिए राजी है। लोकसभा में बृहस्पतिवार को जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए।

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