जितनी ताकत वाजपेयी जी के भाषण में थी उतनी ही शक्ति उनकी खामोशी में भी थी: PM मोदी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को संसद के सेंट्रल हॉल में अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर का अनावरण किया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे.

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को आदर्शों से कभी समझौता नहीं करने वाला दिग्गज राजनेता बताया. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन के हित के लिए कभी अपना रास्ता न बदलना और लोकतंत्र में स्पर्धी होने के बावजूद एक दूसरे के प्रति आदर भाव रखना.. यह पूर्व प्रधानमंत्री से सीखने वाली बात है.

मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कोई दुश्मन नहीं होता है. लोकतंत्र में स्पर्धी होते हैं और स्पर्धी होने के बावजूद एक दूसरे के प्रति आदर भाव रखना, सम्मान के साथ देखना.. यह अटलजी से सीखने वाला विषय है.

उन्होंने कहा कि अटलजी ने कितने ही साल संसद के गलियारे में समय गुजारा, दशकों तक सत्ता से दूर रहे, फिर भी लोगों की निष्ठा भाव से सेवा की, उनकी आवाज उठाई लेकिन व्यक्तिगत हित के लिए कभी रास्ता नहीं बदला.

वाजपेयी ने कभी आदर्शों के साथ समझौता नहीं किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने राजनीति में उतार चढ़ाव देखा, हार-जीत हुई लेकिन आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया. इसका कभी न कभी परिणाम मिलता है. मोदी ने कहा कि वाजपेयी के भाषण की चर्चा होती है लेकिन उनकी खामोशी आज के समय में मनोविज्ञान की दृष्टि से रिसर्च करने की बात है. जितनी ताकत उनके भाषण में थी, उतना ही अधिक प्रभाव उनकी खामोशी में था. जब सभा में बोलते हुए, वे कुछ पल के लिए खामोश हो जाते थे, तब भी लोगों में संदेश चला जाता था. इस युग में भी कब बोलना है, कब मौन रहना है.. यह सीखने जैसा है.

उन्होंने कहा कि अटलजी ने एक प्रकार से परिस्थिति को साध लिया था. वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो लोकतंत्र को ताकत देने को समर्पित थे. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति नायडू, लोकसभा अध्यक्ष महाजन और राज्यसभा में विपक्ष के आजाद ने भी अपने विचार रखे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर के अंत में पोर्ट्रेट समिति की बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी का तैल चित्र केंद्रीय कक्ष में लगाने का निर्णय लिया गया था.

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