चन्द्रयान-2 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, इसरो के सामने थी ये अहम चुनौतियां

नई दिल्ली: करीब 30 दिनों के सफर के बाद भारत का चंद्रयान-2 आज सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर चांद की कक्षा में प्रवेश कर लिया है। इसी के साथ अंतरिक्ष में भारत को एक बार उपलब्धि मिल गई है। इसके बाद 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चंद्रमा पर ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, चंद्रयान-2 पर लगे दो मोटरों को सक्रिय करने से यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया है। इसके लिए चंद्रयान-2 पर लगे दो मोटरों को सक्रिय करने से स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया। इसरो के मुताबिक ये स्टेज मिशन के सबसे मुश्किल स्टेज में से एक था क्योंकि अगर सेटेलाइट चंद्रमा पर तेज गति वाले वेग से पहुंचता, तो वो इसे उछाल देता और ऐसे में वो गहरे अंतरिक्ष में खो जाता लेकिन अगर वो धीमी गति से पहुंचता तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण चंद्रयान-2 को खींच लेता और वो नीचे गिर सकता था।

चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद स्पेसक्राफ्ट 31 अगस्त तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान एक बार फिर कक्षा में बदलाव किया जाएगा। चंद्रयान-2 को चांद के सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार बार कक्षा बदली जाएगी।

इसके बाद चांद की सतह पर उतारने का काम भी काफी मुश्किल होगा। इसरो के मुताबिक चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग की जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

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