कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित चीन के वुहान में अब भी 80 भारतीय छात्र मौजूद: विदेश मंत्री एस जयशंकर

नयी दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि चीन में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित वुहान क्षेत्र में अभी तक 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं तथा पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के छात्रों को भी भारतीय विमानों से लाने की पेशकश की गई थी जिसका मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया। उच्च सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को यह जानकारी दी।

इससे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने कोरोना वायरस के बारे में अपनी ओर से एक बयान पढ़ा था। उस बयान पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा था और उन्हीं स्पष्टीकरणों के जवाब में विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारत सरकार ने चीन के वुहान क्षेत्र में भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए दो उड़ानें भेजी थीं। उन्होंने बताया कि 80 भारतीय छात्र अभी वुहान में ही हैं। इनमें से 70 छात्र स्वेच्छा से वहां रुके हैं। उन्होंने कहा कि दस भारतीय छात्र चीन में हवाईअड्डे तक आ गए थे। किंतु उन्हें बुखार होने के कारण चीन के अधिकारियों ने देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी।

उन्होंने बताया कि इस पेशकश का मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया। इससे पहले भाजपा की रूपा गांगुली ने सरकार से स्पष्टीकरण पूछते हुए जानना चाहा था कि क्या भारत सरकार चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को लाने के लिए भी कोई प्रयास करेगी क्योंकि देश पहले भी विश्व में इस तरीके से अन्य देशों के नागरिकों की मदद के लिए पहल कर चुका है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने दिए बयान में कहा कि अभी तक केरल से कोरोना वायरस के तीन पॉजिटिव मामलों का पता चला है। तीनों का चीन के वुहान की यात्रा करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीनों लोगों को पृथक किया गया है और क्लीनिकल आधार पर उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है। हर्षवर्द्धन ने बताया कि सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया है।

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