कोरोना की देसी वैक्सीन को मिली फेज 3 ट्रायल की अनुमति, फरवरी तक आ सकता है टीका

नई दिल्ली. मंगलवार को हुई डीजीसीआई की एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सिन को आखिरी दौर के ट्रायल की अनुमति मिल गई है. माना जा रहा है कि भारत बायोटेक कि इस वैक्सीन के फेज 3 के ट्रायल अगले महीने से शुरू हो सकते हैं. कंपनी वैक्सीन का ट्रायल राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और असम में करने की सोच रही है. भारत बायोटेक (Bharat Boiotech) इस वैक्सीन का निर्माण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) के साथ मिलकर कर रही है.

फरवरी में नतीजों की उम्मीद
कंपनी को उम्मीद है कि फरवरी तक वैक्सीन के फाइनल ट्रायल के नतीजे आ जाएंगे. अगर सब सही रहा तो इसके बाद वैक्सीन को अप्रूवल और इसकी मार्केटिंग की तैयारी की जाएगी. हालांकि, डीजीसीए की एक मीटिंग 5 अक्टूबर को भी हुई थी. इस मीटिंग में भारत बायोटेक से फेज 3 को प्रोटोकॉल को फिर से दाखिल करने के लिए कहा गया था.
कमेटी के अनुसार, फेज 3 की स्टडी का डिजाइन ठीक था, लेकिन इसकी शुरुआत फेज 2 के सेफ्टी और इम्युनोजेनेसिटी डेटा में से सही डोज तय करने के बाद होनी चाहिए. इसके अलावा भारत में सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की पार्टनरशिप में एक वैक्सीन बन रही है. इसके साथ ही जायडस कैडिला ने भी ZyCov-D नाम की एक वैक्सीन तैयार की है.खास बात है कि कंपनी ने कोवैक्सिन में एलहाइड्रॉक्सिक्विम-II (Alhydroxiquim-II) सहायक को शामिल किया है. इसकी खासियत है कि यह वैक्सीन की प्रतिक्रिया को और बेहतर बनाएगा और इससे इसकी क्षमता भी बढ़ेगी. एलहाइड्रॉक्सिक्विम-II के साथ अगर टीका लगाया जाए तो शरीर में एंटीबॉडीज (Antibodies) ज्यादा बनने लगती हैं और इम्युनिटी (Immunity) लंबे समय तक बनी रहती है.

वैक्सीन के ट्रायल्स में मिले शुरुआती नतीजों ने उम्मीद जगाई है. जबकि, आगामी तीसरे फेज के ट्रायल में 25 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है. ट्रायल में शामिल लोगों को 28 दिन में वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे.

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