राष्ट्रीय PM बनने की महत्वाकांक्षा नहीं, UP को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहूंगा: अखिलेश

नयी दिल्ली। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है और इसके बजाय वह अपने राज्य उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहेंगे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकार – लेखक प्रिया सहगल की एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में यह कहा, जिसमें भाजपा नेता राम माधव, नेकां के उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के सचिन पायलट और रालोद के जयंत चौधरी शामिल हुए थे।

पत्रकार से क्या कहा
परिचर्चा का रूख महागठबंधन की ओर मुड़ने पर कार्यक्रम के संचालक वीर सांघवी (पत्रकार) ने पूछा कि जब सभी विपक्षी नेताओं की प्रधानमंत्री बनने की महात्वाकांक्षा है, ऐसे में कोई गठबंधन कैसे काम करेगा।  इस पर, यादव ने जवाब दिया कि उनकी ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। इसके बाद सांघवी ने पूछा ‘‘नहीं है ? ’’ यादव ने जवाब दिया, ‘‘नहीं है।’’ जब संचालक ने पूछा, ‘‘कभी नहीं’’, सपा नेता ने कहा, ‘‘कभी नहीं।’’
राव माधव पर शरारतपूर्ण तंज
बाहर निकलने पर संवादसताओं द्वारा राम मंदिर पर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने कहा कि हमें संविधान और सुप्रीम कोर्ट में लोगों की दृढ़ विश्वास है। कोर्ट ने जो कहा है उसका पालन करना चाहिए। हम सभी इसमें विश्वास करते हैं। केवल वह देश चलाने जा रहा है।
बयान के कई मतलब
प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नहीं होने का यादव का बयान संभवत: बसपा प्रमुख मायावती की प्रधानमंत्री पद की महात्वाकांक्षा को शांत करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल, विपक्षी पार्टियां अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि किसी को भी अपना जीवन प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के साथ शुरू नहीं करना चाहिए क्योंकि राजनीतिक करियर को आकार देने में कई चीजें भूमिका निभाती हैं और राजनीति में कुछ भी कहीं से भी स्थायी नहीं है।
गौरतलब है कि यादव ने पिछले साल फरवरी में भी यह कहा था कि प्रधानमंत्री बनने में उनकी कोई रूचि नहीं है। लेकिन उनका ताजा बयान अब भाजपा के खिलाफ विभिन्न विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बनाने की कोशिश तेज होने के मद्देनजर काफी मायने रखता है। हालांकि, विपक्ष की एकजुटता में कुछ दरार भी नजर आ रही है। महागठबंधन होने से पहले बसपा और कुछ अन्य पार्टियां छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में अलग रास्ते पर जा रही है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के साथ मतभेदों के चलते भी ऐसा हुआ है।
इस बीच, गैर भाजपा दलों से संपर्क साधने की कोशिश के तहत आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरूवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गठजोड़ को देश को बचाने के लिए एक लोकतांत्रिक आवश्यकता बताया है।

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