PM ने किया नेताजी की प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री मोदी के दिल के सबसे करीब और ड्रीम प्रोजेक्ट के एक हिस्से का आज उद्घाटन हो गया है। आज इंडिया गेट के पास पीएम मोदी ने अपने प्रेरणा पुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण किया। बता दें कि इंडिया गेट करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय से आम जनता के लिए बंद था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से इंडिया गेट और आसपास की जगह को बंद कर दिया गया था, जिसे आज उद्घाटन के बाद आम लोगों के लिए खोल दिया गया।पीएम मोदी ने गुरुवार शाम 7 बजे दिल्ली में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली की सबसे पसंदीदा जगह जनता के लिए फिर से खोल दी गई। उद्घाटन के साथ ही आज से राजपथ कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। पीएम मोदी ने सबसे पहले इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अबतक इस प्रतिमा की जगह होलोग्राम की मूर्ति थी। सुभाष चंद्रबोस की इस प्रतिमा की ऊंचाई 28 फीट है, इसका वज़न 65 मीट्रिक टन है। जिस स्टोन को तराश कर ये प्रतिमा बनाई गई है, उस ग्रेनाइट के टुकड़े को तेलंगाना के खम्मम से नई दिल्ली लाया गया था।

लगातार चार दिनों तक उत्सव
कर्तव्य पथ उद्घाटन कार्यक्रम के बाद, अब लगातार चार दिनों तक उत्सव मनाया जाएगा और आज शाम से शुरू हुए उत्सव का समापन 11 सितंबर को होगा। इस दौरान 9, 10 और 11 सितंबर को शाम 7.00 बजे से रात 9 बजे तक हर रोज परफॉर्मेंस होंगे।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्यों है खास
राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3.2 किलोमीटर लंबी सड़क को अब कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाने लगा है। पहले इसे राजपथ कहा जाता था, जहां गणतंत्र दिवस के मौके पर रिपब्लिक-डे परेड होती थी। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन बनाया गया है। इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। इस नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी। इसके अलावा कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट का भी निर्माण किया गया है। जहां सभी मंत्रालयों के ऑफिस एक साथ होंगे। अब मंत्रालयों के दफ्तर अलग-अलग हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री आवास भी अब यहीं पर होगा। अभी प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर है। इसके अलावा उपराष्ट्रपति का आवास भी यहीं पर होगा। यानि राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति आवास, सभी मंत्रालयों का दफ्तर और संसद भवन एक ही जगह पर होंगे।

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