जोशीमठ में सारी खतरनाक इमारतों को तुरंत गिराएं, लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाएं- कैबिनेट सचिव

जोशीमठ (चमोली)- उत्‍तराखंड में मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. धर्मनगरी जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग, टिहरी झील का एरिया और उत्‍तरकाशी में भी दरारें आने की घटना सामने आई है. कर्णप्रयाग के स्‍थानीय लोगों ने बताया कि वहां दो साल पहले से दरारें आ रही थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यह घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. इससे स्‍थानीय लोगों में दहशत है. टिहरी झील से लगते इलाकों में स्थित कुछ घरों में भी दरारें आई हैं. बताया जाता है कि प्रभावित लोग प्रभावित घरों को छोड़कर जा चुके हैं. इसके अलावा उत्‍तरकाशी में भी खेतों में दरारें आई हैं. दूसरी तरफ, उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर धामी ने कहा कि मकानों को लेकर दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं. कई केंद्रीय संस्‍थानों के विशेषज्ञ मौके पर मौजूद हैं और जोशीमठ में संकट का आकलन कर रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता जानमाल की रक्षा को लेकर है.

जोशीमठ पर नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी (NCMC) की बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी का सारी संबंधित एजेंसियों को प्रभावित जोन के निवासियों को तुरंत सुरक्षित जगह पहुंचाने और खतरनाक इमारतों को जल्द गिराने का निर्देश दिया है.

जोशीमठ, चमोली, उत्तराखंड में स्थिति की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में मंगलवार को एनसीएमसी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है और जरूरतमंदों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम है मौके पर जुटी हुई है.

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