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GST: आज से सस्ती हुईं टीवी-फ्रिज समेत 50 चीजें, खरीदने से पहले चेक करें रेट्स

आम आदमी की जरूरत की 50 से ज्यादा चीजें शुक्रवार (27 जुलाई) से सस्ती हो गई हैं. दरअसल पिछले हफ्ते हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में करीब 100 चीजों पर टैक्स घटाने का फैसला लिया गया था. वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी से बाहर करने का फैसला लिया गया था. साथ ही, 1000 रुपये के जूते-चप्पल पर टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया. इसके अलावा वॉशिंग मशीन पर टैक्स 28 फीसदी घटाकर 18 फीसदी कर दिया. आपको बता दें कि कारोबारियों के लिए GST रिटर्न नियम भी आसान कर दिए हैं. अब GST रिटर्न भरने वाला फॉर्म सिर्फ 1 पेज का होगा. वहीं, महीने में 3 बार रिटर्न के झंझट से मुक्ति मिल गई है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि टैक्स में बदलाव के बाद 100 से अधिक आइटम्स सस्ते हो जाएंगे.

ये सामान हुए टैक्स दायरे से बाहर-सैनिटरी नैपकिन से टैक्स खत्म कर दिया गया है. साथ ही, स्टोन, मार्बल, राखी और लकड़ियां की मूर्तियां और साल के पत्ते से GST हटा लिया है.

28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी- लीथियम बैटरी, टीवी, वैक्युम क्लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्सर, स्टोरेज वाटर हिटर, हैड ड्रायर, हैंड ड्रायर, पेंट, वार्निश, वाटर कूलर, मिल्क कूलर, आइसक्रीम कूलर, परफ्यूम्स, टॉयलेट स्प्रे पर से GST घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया हैं. पहले इन सामानों पर 28 टैक्स लगता था.

इन सामानों पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी किया-  वित्त मंत्री ने बताया कि हैंडबैग्स, ज्वैलरी बॉक्स, पेंटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले वुडन बॉक्स, आर्टवेयर ग्लास, हैंडमेड लैंप्स इत्यादि पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी कर दिया हैं.

कारोबारियों को बड़ी राहत-इससे पहले कारोबारियों के लिए GST रिटर्न नियम आसान हो गए हैं. अब GST रिटर्न भरने वाला फॉर्म सिर्फ 1 पेज का होगा. वहीं, महीने में 3 बार रिटर्न के झंझट से मुक्ति मिल गई है. 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वालों को तिमाही रिटर्न भरना होगा.

4 अगस्त को GST काउंसिल की स्पेशल बैठक- वित्त मंत्री ने बताया की 4 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की स्पेशल बैठक में एमएसएमई सेक्टर को राहत देने पर विचार होगा. यह बैठक दिल्ली में होगी.

रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को 30 सितंबर तक टाला-वित्त मंत्री ने कहा कि रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को 30 सितंबर तक टाल दिया गया है.

क्या है रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म- रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म के तहत कोई सामान या सर्विस हासिल करने वाले व्यक्ति को GST एकत्र कर उसे सरकार के पास जमा करना होता है. यह प्रोविजन अभी काम नहीं कर रहा. इसका इस्तेमाल गुड्स या सर्विसेज या दोनों की सप्लाई करने वाले किसी अनरजिस्टर्ड व्यक्ति के लिए ही थी. ऐसे मामले में गुड्स या सर्विस लेने वाले व्यक्ति को GST लगाकर उसे रिवर्स चार्ज बेसिस पर एकत्र करना होता है. इससे टैक्स का भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा. सरकार का मानना है कि कानून में संशोधन कर रिवर्स चार्ज को लागू करने की अनुमति देनी चाहिए. यह उस मामले में लगाया जा सकता है कि जहां बड़े स्तर पर टैक्स चोरी की आशंका है. व्यक्ति ने बताया कि यह अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन जहां इसकी जरूरत होगी इसे लागू किया जाएगा. इसकी शुरुआत कंपोजिशन स्कीम के साथ की जा सकती है।

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