BIMSTEC Summit में पीएम मोदी ने कहा, चुनौतीपूर्ण माहौल में क्षेत्रीय सुरक्षा जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) श्रीलंका की अगुवाई में आयोजित 7 देशों के बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। डिजिटल माध्यम से आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि चुनौतीपूर्ण माहौल में क्षेत्रीय सुरक्षा बहुत जरूरी है। श्रीलंका में चल रहे पांचवें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उद्योगपतियों और स्टार्टअप के बीच तालमेल बनाना होगा। BIMSTEC की स्थापना के 25 साल पूरे हो रहे हैं।

5वीं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में से हमारा क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले कुछ सप्ताहों के यूरोप के developments से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। इस संदर्भ में, बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी Covid-19 pandemic के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के operational budget को बढ़ाने के लिए one मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि Disaster management, विशेषकर disaster risk reduction पर सहयोग के लिए BIMSTEC Centre for Weather and Climate एक महत्त्वपूर्ण संस्था है। आज जब हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और economic security की चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमारे बीच एकजुटता और सहयोग समय की मांग है। आज समय है Bay of Bengal को Bridge of Connectivity, Bridge of Prosperity, Bridge of Security बनाने का।

 

पीएम मोदी ने कहा कि- बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनायें। हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और startups के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ हमें Trade Facilitation के क्षेत्र में international norms को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। इसे और सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूँगा। इस Centre के कार्य को पुनः शुरू करने के लिए भारत तीन  मिलियन डॉलर का योगदान करने को तैयार है।

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