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24 घंटे में जम्मू-कश्मीर में तेजी से बदले हालात

नई दिल्ली
क्या पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में बड़ी निर्णायक कार्रवाई करने वाली है? पिछले 24 घंटे में जिस तेजी से हालात बदले हैं उससे इसके पुख्ता संकेत मिलने लगे हैं। पूरी घाटी में अलगाववादी नेताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए यासीन मलिक सहित जमात-ए-इस्लामी के लगभग दो दर्जन नेताओं को अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पिछले तीन दशकों में सबसे कड़ी करने की पहल की गई है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी कह दिया है कि हालात नाजुक हैं और भारत कुछ बड़ा करने की सोच रहा है। हालांकि अमेरिका, चीन सहित कई देशों ने तनाव कम करने के लिए दोनों देशों से संपर्क भी साधा है।

धारा 35 ए पर सरकार कड़ा स्टैंड लेने को तैयार
सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार आम चुनाव से पहले धारा 35 ए पर कड़ा स्टैंड अपना सकती है। अगले हफ्ते एक याचिका पर सुनवाई हो सकती है जिसमें इस धारा की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कह सकती है उसे इस धारा को हटाने से आपत्ति नहीं है और धारा 370 के मूल अवधारणा में यह नहीं थी। गौरतलब है कि धारा 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर में वहां के मूल निवासियों के अलावा देश के किसी दूसरे हिस्से का नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है। इससे वह वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता है। सूत्रों की मानें तो धारा 35ए पर सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। 1954 में इस धारा को धारा 370 के तहत दिए अधिकारों के अंतर्गत ही जोड़ा गया था। धारा 370 को हटाना बीजेपी का हमेशा से राजनीतिक स्टैंड भी रहा है। हालांकि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू और अकाली दल इसकी विरोधी रही हैं।

पूरा कश्मीर हाई अलर्ट पर
सूत्रों के अनुसार पूरे कश्मीर को हाई अलर्ट पर रखा गया है और हाल के वर्षों की सबसे अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शुक्रवार को देर शाम गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स ( CAPF) की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने का आदेश जारी किया। इनमें 45 सीआरपीएफ, 35 बीएसएफ, 10 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं।

जवानों की छुट्टियां रद
कश्मीर में मौजूद सभी जवानों की छुट्टियां रद कर दी गईं है। सूत्रों के अनुसार रिजर्व सैनिकों को अल्प नोटिस पर कूच करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। रक्षा विशेषज्ञ सी उदयभास्कर ने एनबीटी से कहा कि एक साथ 100 कंपनियों को वहां भेजना अभूतपूर्व है और ऐसा कभी कभार होता है। आमतौर पर एक कंपनी में सैनिकों की संख्या 100 से 120 तक होती है। इन्हें तुरंत कश्मीर कूच करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि वहां दुर्भाग्यवश हालात उतने बेहतर नहीं हैं। पुलवामा आतंकी हमले के बाद गार्ड की भूमिका में लगे सीआरपीएफ के अलावा इस काम में बीएसएफ,आईटीबीपी को भी लगाया गया है। अधिकारियों के अनुसार चूंकि अधिकतर जवानों को लॉ ऐंड ऑर्डर ड्यूटी में लगाया गया है ऐसे में इसमें फेरबदल किया जा रहा है।

जरूरी सामानों का स्टॉक करने का निर्देश
नाजुक हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आम लोगों को किसी तरह दिक्कत नहीं हो, इसके लिए दवा और राशन का पर्याप्त स्टॉक करने को कहा है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, खुफिया एजेंसियों के अनुसार पूरी घाटी में अफवाहें फैलाकर भी अशांति फैलाने की कोशिश की जा सकती है। सरकार ने खुफिया एजेंसियों को सतर्क रहते हुए सुरक्षा बलों से लगातार संपर्क में रहने को कहा है।

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