शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मिले वार्ताकार, SC का आदेश सुनाया, की रास्ता खोलने की अपील

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार एडवोकेट संजय हेगड़े और एडवोकेट साधना रामचंद्रन बुधवार दोपहर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने शाहीन बाग पहुंचे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढक़र सुनाया। यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध जारी है। साधना ने कहा कि जिस तरह से प्रदर्शन करना आपका हक है, उसी तरह से दूसरों का भी अधिकार है कि वे सडक़ों पर चल सकें और दुकानें खोल सकें। बच्चे स्कूल जाते हैं, लोग ऑफिस आते-जाते हैं। उनके भी अधिकार हैं।
हक वहीं तक होना चाहिए, जहां तक दूसरे का हक प्रभावित न हो। रोड, पार्क, ब्रिज सार्वजनिक सुविधाएं हैं। हम आपकी सारी बातें सुनेंगे। मुझे भरोसा है कि हम ऐसा हल निकालेंगे जो न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के लिए उदाहरण बन जाएगा। हम मीडिया के बगैर प्रदर्शनकारियों से बात करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शन के चलते करीब दो महीने से बंद पड़े रास्ते को खाली करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मध्यस्थों की नियुक्ति की थी।

-वार्ताकारों ने कहा कि मीडिया की मौजूदगी में सारी बातें संभव नहीं हैं। बातचीत के बाद मीडिया को इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी। रामचंद्रन ने कहा कि हम यहां फैसला करने नहीं आए हैं।

-वार्ताकारों ने मीडिया से कहा कि वे फिलहाल यहां से जाएं, बातचीत के बाद उन्हें बता दिया जाएगा।

-सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को जानकारी दी।

-वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा है कि मिलजुलकर इस का हल निकालना चाहिए। वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि हम इस मसले का ऐसा हल निकालेंगे जो देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन जाएगा।

-शाहीन बाग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो कुछ कहा, उसे पढ़कर वार्ताकार संजय हेगड़े सुनाया।

-वार्ताकार संजय हेगड़े ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जो लोग प्रदर्शन उन्हें हम प्रदर्शन रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन हमारी चिंता उस जगह को लेकर जहां प्रदर्शन चल रहा है, क्योंकि वहां ट्रैफिक बाधित हो रहा है।

इससे पहले शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वार्ताकारों का हम स्वागत करते हैं और उनकी बात भी सुनेंगे, लेकिन हमारी मांग यही होगी कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले।

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