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विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ सकता है मानसून सत्र, समय से पहले हो सकता है खत्म

नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र पेगासस मुद्दे (Pegasus Issue) पर जारी विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. खबर है कि सरकार तय समय से पहले सत्र को खत्म कर सकती है. सरकार का कहना है कि वे पेगासस को छोड़कर जनता से सीधे संबंधित किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है. वहीं, एक सुर में स्पाईवेयर का मुद्दा उठा रहा विपक्ष इस पर बड़ी बहस करने की मांग कर रहा है. 19 जुलाई से शुरू हुआ सत्र 13 अगस्त तक चलना था.

मानसून सत्र के लगातार 9वें दिन संसद में पेगासस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, ‘सरकार गंभीरता से मानसून सत्र में कटौती करने पर विचार कर रही है.’ एक मंत्री ने कहा, ‘सरकार लोगों से जुड़े हर मुद्दे पर संसद में बात करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष यह नहीं चाहता. यह पैसे और समय की पूरी तरह बर्बादी है.’ उन्होंने संकेत दिए हैं कि अगर सरकार सत्र को खत्म करने का फैसला लेती है, तो कुछ हिस्सों में बढ़ रहे कोविड के मामले भी एक कारण हो सकते हैं.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार विपक्ष के नेताओं को दोनों सदनों की शांति से काम करने पर सहमत करने के लिए ‘मनाने’ के ‘कुछ और प्रयास’ करेगी. रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के कुछ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि उन्हें पेगासस पर बहस के अलावा कुछ नहीं चाहिए. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘विपक्ष एक व्यवस्थित मुद्दे की हमारी मांग पर एकसाथ है और ऐसे बिंदू पर पहुंच गया है, जहां से वापसी नहीं हो सकती.’

सत्र की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी सदन में विरोध कर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी की मुलाकात के बाद अगले दिन यानि गुरुवार से ही विपक्ष के बीच समन्वय देखा जा रहा है. शुक्रवार को भी कांग्रेस, डीएमके, वाम दलों, बसपा, शिअद और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया.इस दौरान सदस्यों ने नारे लगाए और कृषि कानूनों की वापसी और पेगासस पर बहस की मांग करते हुए तख्तियां दिखाईं. सदन पहली बार सुबह 11:35 से लेकर दोपहर तक स्थगित किया गया. इसके बाद 12:15 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.

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