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मुस्लिम तस्वीरों में भरोसा नहीं करते, तो AMU में जिन्ना की तस्वीर की चिंता क्यों: रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में चल रहे जिन्ना के फोटो विवाद पर मंगलवार को कहा, मुस्लिम मान्यता के मुताबिक तस्वीरों और मूर्तियों की कोई अहमियत नहीं होती, तो ऐसे में पाकिस्तान के फाउंडर मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीरों को हटाने की चिंता नहीं करनी चाहिए.
रामदेव बाबा ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीरों को हटाने को लेकर उठे विवाद पर पत्रकारों को जवाब देते हुए कहा  “जिन्ना का भूत आजकल बहुत लाइमलाइट में है. मुस्लिमों को उनके तस्वीरों की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योकि उनके घरों में तस्वीरों और मूर्तियों को मुस्लिम मान्यता के खिलाफ माना जाता है.”
नालंदा में एक योग कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे रामदेव ने कहा “जो भी देश की अखंडता और एकता में विश्वास रखता है उनके लिए कभी भी जिन्ना एक आदर्श नही हो सकता.”
गौरतलब है पिछले दिनों एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को हटाने के लिए सांसद सतीश गौतम ने कुलपति को पत्र लिखा था और जिन्ना की तस्वीर एएमयू परिसर में लगने का कारण पूछा था.  सांसद के इस पत्र के बाद से यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर हटाने पर बहस छिड़ी हुई है.सांसद की चिट्टी के बाद से एएमयू में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल बढ़ गया. एक तरफ जहां विश्वविद्यालय से जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग करते हुए हिंदूवादी संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
योग कार्यक्रम में  बाबा रामदेव ने योग को धार्मिक आस्था से अलग बताते हुए कहा, “योग की अहमियत हिन्दु से जुड़ी या मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है. जिन्हें गायत्री मंत्र से परेशानी हो वो अल्लाह का नाम लेकर भी योग साधना कर सकते हैं.” रामदेव ने योग शिक्षा को स्कूल कोर्स में भी रखने की बात कही.

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