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मानहानि के मामले में घिरे राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला

अहमदाबाद: एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) और इसके चेयरमैन अजय पटेल द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवालाको सम्मन जारी किया। राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला से 27 मई को अदालत के सामने उपस्थित होने को कहा गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बैंक में निदेशक हैं।

कांग्रेसी नेताओं ने कथित रूप से आरोप लगाया था कि बैंक नवंबर 2016 में नोटबंदी के पांच दिन के अंदर ‘‘750 करोड़ रुपये’’ के प्रचलन से बाहर हुए नोटों को बदलने के ‘‘घोटाले’’ में लिप्त है। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने पिछले साल अदालत में याचिका दायर की थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस के गढवी ने दोनों नेताओं के खिलाफ पहली नजर में साक्ष्य मिलने के बाद सम्मन जारी किए और उनसे 27 मई को अदालत में उपस्थित रहने को कहा।

राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने कथित रूप से आरोप लगाया था कि एडीसीबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के पांच दिन के भीतर इन नोटों के 745.59 करोड़ रुपये जमा हुए थे। नोटबंदी की घोषणा आठ नवंबर 2016 को की गई थी। राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने मुंबई के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर आरटीआई आवेदन पर नाबार्ड के जवाब के आधार पर आरोप लगाये थे।

वकील एस वी राजू के जरिए दायर याचिकाओं में एडीसीबी और पटेल ने अदालत से कहा कि दोनों कांग्रेसी नेताओं के बयान झूठे हैं क्योंकि बैंक ने इतने बड़े पैमाने पर नोट नहीं बदले। उन्होंने कहा कि बैंक के पास (वैध नोटों से) बदलने के लिए प्रचलन से बाहर हुए नोट इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे और उनका दावा मानहानिपूर्ण है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘‘अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई कि आपकी बैंक ने पुराने नोट बदलने में पहला पुरस्कार प्राप्त किया। पांच दिन में 750 करोड़ रुपये।’’

उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘लाखों भारतीय जिनकी जिंदगी नोटबंदी से बर्बाद हो गई वे आपकी उपलब्धि को सलाम करते हैं।’’ रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री खुद आगे आकर अमित शाह के खिलाफ आरोपों पर जवाब देंगे, जिन्हें (शाह) उन्होंने नियुक्त किया है।’

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