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मानव तस्करी विरोधी कानून से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निखरेगी भारत की छवि: सत्यार्थी

नयी दिल्ली। जानेमाने बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने देश के सभी राजनीतिक दलों से ‘व्‍यक्तियों की तस्‍करी (रोकथाम, सुरक्षा और पुनर्वास) विधेयक- 2018’ को पारित कराने की अपील करते हुए कहा है कि इस प्रस्तावित कानून से दुनिया भर में भारत की छवि निखरेगी और देश में मनुष्य खासकर बच्चों की तस्करी के धंधे की कमर टूट जाएगी। यह विधेयक पिछलों दिनों लोकसभा में पेश किया गया। माना जा रहा है कि इसी सप्ताह इसे चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में रख जाएगा।

नोबेल से सम्मानित सत्यार्थी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह विधेयक इसी मानसून सत्र में पारित हो। इससे देश के बाहर भारत की छवि को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही देश के अंदर मानव तस्करी के धंधे की कमर टूट जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे इसी सत्र में इसे पारित कराएं।’

सत्यार्थी ने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हम महान संस्कृति वाले देश हैं। इसलिए गुलामी की जितनी भी चीजें हैं उनको जिनता जल्दी खत्म किया उतना सही है। यह कानून उसी दिशा में एक पहल है।’ उन्होंने कहा, ‘इस कानून के अमल में आने के बाद सभी तरह की तस्करी पर अंकुश लगेगा। जो लोग भी इस तरह के धंधे में शामिल हैं, यह कानून आर्थिक रूप से उनकी कमर तोड़ देगा। उनकी संपत्तियां जब्त हो जाएंगी। यह काननू दुनिया के सबसे अच्छे क़ानूनों में से एक होगा। शायद दुनिया का सबसे अच्छे कानून होगा।’
बाल अधिकार कार्यकर्ता ने कहा, ‘यह प्रस्तावित कानून आर्थिक, सामाजिक और कानूनी पहलू को समेटे हुए है। यह दंड सुनिश्चित करने के साथ पुनर्वास भी सुनिश्चित करने वाला है। पुनर्वास के लिए कई योजनाएं हैं लेकिन पुनर्वास के अधिकार का कानून दुनिया में शायद ही कहीं है।’ गौरतलब है कि इसी साल 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने व्‍यक्तियों की तस्‍करी (रोकथाम, सुरक्षा और पुनर्वास) विधेयक, 2018 को लोकसभा में पेश करने की स्‍वीकृति प्रदान की थी।

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