भारत समलैंगिक संबंधों को वैध मानने वाले 126 वां देश बना

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आए ऐतिहासिक फैसले के बाद भारत भी अब उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जहां समलैंगिकता वैध है. भारत से पहले पूरे विश्व में कुल 124 ऐसे देश थे जहां समलैंगिकता गैर-कानूनी नहीं है. अब इनकी संख्या 125 हो गई है. हालांकि दुनियाभर में अब भी 72 ऐसे देश और क्षेत्र हैं जहां समलैंगिक संबंध को अपराध समझा जाता है. उनमें 45 वैसे देश भी हैं जहां महिलाओं का आपस में यौन संबंध बनाना गैर कानूनी है. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत 158 साल पुराने इस औपनिवेशिक कानून के संबंधित हिस्से को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया और कहा कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है.

इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन के अनुसार आठ ऐसे देश हैं जहां समलैंगिक संबंध पर मृत्युदंड का प्रावधान है और दर्जनों ऐसे देश हैं जहां इस तरह के संबंधों पर कैद की सजा हो सकती है. जिन कुछ देशों में समलैंगिक संबंध को वैध ठहराया गया है उनमें अर्जेंटीना, ग्रीनलैंड, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, आईसलैंड, स्पेन, बेल्जियम, आयरलैंड, अमेरिका, ब्राजील, लक्जमबर्ग, स्वीडन और कनाडा शामिल हैं.

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