भारत में बच्चे बाल श्रम के सबसे खराब स्तर पर कर काम रहे हैं: रिपोर्ट

वाशिंगटन: अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन 14 देशों में शामिल है जिन्होंने 2017 में बालश्रम उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। अमेरिकी श्रम मंत्रालय ने अपनी सालाना चाइल्ड लेबर एंड फोर्स्ड लेबर रिपोर्ट में कहा कि 2017 में भारत ने बाल श्रम के सबसे खतरनाक रूप को समाप्त करने के प्रयासों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसमें कहा गया कि व्यापार एवं विकास कानून 2000 के तहत बाल श्रम का सबसे बदतर रूप के तथ्य विश्वभर में बाल मजदूरी की स्थिति के विवरण पेश करते हैं।

श्रम पर काबू पाने में भारत सहित 14 देशों ने उल्लेखीय प्रगति की

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष रिपोर्ट में 132 देशों और क्षेत्रों ने बाल श्रम की समस्या पर काबू पाने के लिए जो प्रयास किए हैं उन्हें और कड़े मापदंडों पर तौला गया है। इसके अनुसार, भारत, कोलंबिया और प्राग सहित केवल 14 देश उल्लेखीय प्रगति के नए मापदंडों पर खरे उतरे हैं। इन देशों को इस वर्ष विशेष कानूनी एवं नीति श्रम मानकों को भी पूरा करना है।

श्रम मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने आईएलओ कन्वेंशन 182 और कन्वेंशन 138 दोनों में सुधार किया है साथ ही बाल श्रम कानून में संशोधन किया है ताकि 18 साल से कम उम्र के बच्चो कों खतरनाक जगहों पर काम करने के रोका जा सके। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में बच्चे बाल श्रम के सबसे खराब स्तर पर काम कर रहे हैं जिनमें कपड़ा निर्माण और पत्थर खनन जैसे क्षेत्रों में जबर्दस्ती मजदूरी कराना भी शामिल हैं।

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