भारत की नई कश्मीर पॉलिसी से बौखलाया पाकिस्तान, राजनाथ ने बिना नाम लिए चीन-पाक को चेताया

भारत सरकार की नए कश्मीर पॉलिसी से पाकिस्तान बौखला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के नेताओं को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत सरकार के खास सक्रियता ने पाकिस्तान द्वारा पाले गए आतंकियों की घबराहट बढ़ा दी है। यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर के हाल के दिनों में आतंकी घटना देखने को मिल रही है। कुछ दिन पहले घाटी में एक भाजपा नेता की आतंकियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कल पाकिस्तान द्वारा जम्मू में ड्रोन हमले की कोशिश की गई। यह पाकिस्तान की बौखलाहट को साफ तौर पर दिखाता है।पाकिस्तान द्वारा 26 जून को सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया गया। जम्मू में ड्रोन से ऊपर हमले को लेकर अलग-अलग और नए नए खुलासे हो रहे हैं। अवंतीपुरा में पूर्व एसपीओ की हत्या की खबर मिल रही है। कहीं ना कहीं भारत सरकार द्वारा कश्मीर को लेकर किए जा रहे फैसलों ने पाकिस्तान और उसके सरपरस्तों की बेचैनी बढ़ा दी है। पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकियों की बेचैनी इतनी बढ़ गई है कि वह अब आधुनिक हथियारों से भारत को निशाना बनाने में लगे हुए हैं।दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान चीन को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा संदेश दिया है। साथ ही साथ उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिए उसे चेतावनी भी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख से चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत ‘‘गलवान वीरों’’ के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और देश के सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। लद्दाख दौरे के दूसरे दिन सिंह ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान तलाशने की कोशिश की जानी चाहिए, लेकिन साथ ही आगाह किया कि अगर कोई हमें धमकाने की कोशिश करेगा तो भारत इसे बर्दाशत नहीं करेगा।

सिंह ने कहा कि देश के लिए गलवान घाटी में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ पिछले साल 15 जून को भीषण झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दशकों में हुई यह सबसे भीषण झड़प थी। चीन ने फरवरी में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और एक जवान मारा गया था, हालांकि व्यापक रूप से यह माना जाता है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी। रक्षा मंत्री ने लद्दाख में सीमा सड़क संगठन द्वारा कार्यान्वित 63 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। सिंह तीन दिवसीय लद्दाख दौरे पर हैं।

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