ब्रिटेन ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का मामला अदालत को भेजा

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि ब्रिटिश गृह विभाग ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण से जुड़े भारत के अनुरोध को एक अदालत के पास भेज दिया है, ताकि इस संबंध में कानूनी कार्रवाई हो सके। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि ब्रिटिश गृह विभाग के केंद्रीय प्राधिकरण ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण अनुरोध आगे की कार्रवाई के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट को भेज दिया गया है।

अधिकारी ने कहा कि ब्रिटिश गृह विभाग ने अदालत को यह अनुरोध कुछ दिनों पूर्व भेजे थे। अधिकारी ने कहा कि 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश प्रशासन को अनुरोध जुलाई 2018 में भेजा गया था। ईडी अधिकारी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ब्रिटिश समाचार पत्र द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि नीरव मोदी को लंदन में देखा गया है। इसके पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप जानते हैं कि हमने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) से प्राप्त जानकारी के आधार पर अनुरोध किया था। हमने पिछले साल अगस्त में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन से अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि आज हम टेलीविजन पर जो कुछ भी देखते हैं, उसके बावजूद “स्थिति जस की तस है।

प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन ने अभी जवाब नहीं दिया है और वह नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के हमारे अनुरोध पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया था, “जैसा कि यह पता था कि वह ब्रिटेन में है “उसे (नीरव मोदी) ब्रिटेन में देखा गया है, इसका मतलब यह नहीं कि उसे तुरंत भारत वापस लाया जा सकता है, क्योंकि इसकी एक प्रक्रिया है। हमने एक अनुरोध किया है। यह अब ब्रिटिश सरकार के ऊपर है कि वह हमारे अनुरोध पर विचार करे और उसके प्रत्यर्पण की सीबीआई और ईडी की मांग पर जवाब दे।

ब्रिटिश प्रशासन से प्राप्त होने वाली अंतिम सूचना की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जहां तक विदेश मंत्रालय (एमईए) का संबंध है, जब हम प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करते हैं तो उस अनुरोध को जांच एजेंसियों की ओर से भेजा जाता है। और पिछले छह महीनों में हमें किसी अन्य दस्तावेज के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है। ईडी ने पिछले साल अगस्त की शुरुआत में विदेश मंत्रालय को अनुरोध भेजा था और मंत्रालय ने इसे आगे बढ़ाया। सीबीआई ने पिछले साल अगस्त में अनुरोध भेजा था।

उन्होंने कहा कि हमें जो सूचित किया गया है, वह यह है कि दोनों अनुरोध ब्रिटेन सरकार के पास विचाराधीन हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार प्राथमिकता के आधार पर अन्य भगोड़े लोगों का प्रत्यर्पण कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है, जैसे कि विजय माल्या का मामला? तो कुमार ने कहा, “हम प्राथमिकता के आधार पर सभी मामलों को देख रहे हैं। हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”

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