बुलेट ट्रेन पर अरबों रुपए खर्च करने की तैयारी, दूध किसानों को सब्सिडी तक नहीं: शिवसेना

मुंबई. महाराष्ट्र में रविवार से दूध उत्पादक किसानों का अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. राज्य में छोटे-बड़े शहरों में दूध की आपूर्ति प्रभावित हुई. मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और अन्य प्रमुख शहरों के लिए जा रहे दूध के टैंकरों को प्रदर्शनकारी रोके जा रहे हैं. इसी बीच शिवसेना नेता संजय राऊत ने भी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं. राऊत ने पूछा है कि क्या सरकार दूध किसानों को सब्सिडी नहीं दे सकती? क्या सरकार किसानों से बातचीत तक नहीं कर सकती ? आप (सरकार) किसानों की बात तक नहीं सुन रहे लेकिन बुलेट ट्रेन और मेट्रो रेल जैसे प्रोजेक्ट्स पर 300 से 400 करोड़ रुपए तक खर्च करने तैयार हैं. क्या बुलेट ट्रेन किसानों की मांग है ?

बाजार में बिक रहा 40-45 रुपए किलो
स्वाभिमानी शेतकारी संघटन (एसएसएस) और महाराष्ट्र किसान सभा (एमकेएस) की अगुवाई में किसानों के समूहों ने दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर सब्सिडी, मक्खन और दूध पाउडर पर जीएसटी में छूट की मांग की है. एसएसएस अध्यक्ष और सांसद राजू शेट्टी ने बताया  कि राज्य सरकार ने 27 रुपए प्रति लीटर की खरीद कीमत तय की है, लेकिन किसानों को केवल 17 रुपए प्रति लीटर मिलते हैं. जबकि यही दूध बाजार में 40 से 45 रुपए की कीमत पर बेचा जा रहा है.

किसान नेता का कहना है कि हम गोवा, कर्नाटक और केरल की तरह किसानों के लिए पांच रुपए की प्रत्यक्ष सब्सिडी की मांग कर रहे हैं. शेट्टी ने कहा कि स्कीम्ड दूध पाउडर की कीमत में गिरावट के साथ दुग्ध सहकारी समितियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में करीब 15,000 सहकारी डेयरी सोसाइटियां, 85 सहकारी डेयरी संघ, 98 दूध प्रसंस्करण संयंत्र, 156 चिलिंग केंद्र व 192 कोल्ड स्टोरेज हैं, इसमें 167 निजी क्षेत्र में हैं.

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