डोभाल का कट्टरपंथी ताकतों से मुकाबले का आह्वान, मुस्लिम धर्मगुरु की मांग- बैन हो PFI

एनएसए अजीत डोभाल द्वारा बुलाए गए अंतर-धार्मिक सद्भाव मीटिंग में हैदराबाद से आए ऑल इंडिया सूफी सज्जादनशीन काउंसिल (AISSC) के चीफ नसीरुद्दीन चिश्ती ने PFI पर बैन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा, “… जब कोई घटना होती है तो हम निंदा करते हैं. कुछ करने का समय आ गया है. कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए समय की जरूरत है. चाहे वो कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.” राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शनिवार को अंतर-धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के आउटरीच के हिस्से के रूप में एक अंतर-धार्मिक बैठक बुलाई थी, जिसमें विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु शामिल हुए थे.AISSC चीफ नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से धर्म के बजाय अधर्म हो रहे हैं. मुल्क के गंगा जमुनी तहजीब को कैसे बचाई जाए उसके लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. आज हमारे देश में युवाओं को रेडिक्लाइज़ किया जा रहा है. ऐसे रेडिकल फोर्सेज से हम धर्म गुरुओं को मिलकर देश को बचाना है. हिंदुस्तान फूलों का गुलदस्ता है. जिसमें हर धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं. अब हम ज़मीन पर काम करेंगे. हर राज्य में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, जिससे मुल्क के अमनो-अमान कायम हो सकें.”

नसीरुद्दीन साहब ने अच्छे से रखी बात: डोभाल

मीटिंग में अजीत डोभाल ने कहा, “मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं. नसीरुद्दीन चिश्ती साहब ने अच्छे से बात रखी है. हमारी एकता बरकरार रहे. हमारे देश की तरक्की का फायदा हर धर्म और मजहब को मिलना चाहिए लेकिन चंद लोग माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं.”

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