जेटली का विपक्ष पर हमला, कहा- चुनावी फायदे के लिए गढ़े जा रहे झूठे मुद्दे

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर नीरव मोदी, राफेल और बालाकोट हवाई हमले से जुड़े झूठे मुद्दे गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण से इन मुद्दों को हटा दिया जाये तो फिर शायद उनके पास बोलने के लिये कुछ भी नहीं बचेगा। जेटली ने अपने ‘एजेंडा- 2019’ ब्लाग की छठी कड़ी में शनिवार को विपक्ष के आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया। विपक्ष राफेल, नीरव मोदी घोटाला, विजय माल्या, नोटबंदी, पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगातार सरकार पर आरोप लगाता रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यदि इन झूठे मुद्दों को राहुल गांधी के भाषण से हटा दिया जाये तो उसमें फिर शायद कुछ भी नहीं बचेगा। विपक्ष की स्थिति काफी दयनीय है।’’ विपक्ष के पास सरकार के खिलाफ वास्तविक मुद्दों का टोटा है। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को सरकार के खिलाफ झूठे मुद्दे गढ़ने पड़ रहे हैं क्योंकि उसके पास कोई वास्तविक मुद्दा है ही नहीं। वास्तव में विपक्ष मतदाताओं के विवेक को कम करके आंकता है। मुझे पूरा भरोसा है कि मतदाता देश की इन विपक्षी पार्टियों को उचित जवाब देगा और उन्हें उनकी सही स्थिति से रूबरू करायेगा।’’भारतीय जनता पार्टी के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के कामकाज को मान्यता देना ही है कि उसके कार्यकाल के पांच साल बाद सरकार के खिलाफ कोई वास्तविक मुद्दा बचा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आज वास्तव में सत्ता-अनुकूल प्लेटफार्म पर चुनाव मैदान में उतरी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार के नेतृत्व के साथ मतदाता पूरी तरह से संतुष्ट है। विपक्ष में घबराहट है। उसका एकमात्र एजेंडा केवल एक व्यक्ति को हटाना है।’’ जेटली ने कहा कि विपक्षी दल झूठे मुद्दे गढ़ते हैं। उनको लेकर शोर-शराबा करते हैं और फिर यह समझने लगते हैं कि उनका झूठ सच हो जायेगा। विपक्ष द्वारा सरकार पर पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद बालाकोट हवाई हमले का राजनीतिकरण किये जाने का आरोप लगाये जा रहे हैं। इस पर जेटली ने कहा, ‘‘हमारे सुरक्षा बलों ने आतंकियों को कुछ ही दिन में समाप्त कर दिया था। जब यह सूचना मिली कि पाकिस्तान के बालाकोट में बड़ी संख्या में आतंकवादियों के शिविर चल रहे हैं, प्रधानमंत्री ने वायुसेना को इन शिविरों पर हमले का निर्देश दिया। भारतीय वायु सेना ने सराहनीय कार्य किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सटीक कार्रवाई थी। उन्होंने आतंकवादियों और उनके शिविरों को पूरी तरह तबाह किया। अगले दिन उन्होंने पाकिस्तान की वायु सेना के जवाबी हमले को रोकने में भी कामयाबी हासिल की और उनके एक एफ- 16 विमान को मार गिराया। वायुसेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि की है।’’राफेल लड़ाकू विमान के बारे में उठाये जा रहे मुद्दों को लेकर जेटली ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और कैग दोनों ने सौदे को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि राफेल सौदे की 2007 की कीमत से तुलना करें तो सरकार ने खजाने के हजारों करोड़ रुपये बचाये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और सरकार ने किसी घरेलू उद्योगपति को एक रुपये का भी फायदा नहीं पहुंचाया है। राफेल भारत में बनाया ही नहीं जाना है। उच्चतम न्यायालय इस पहलू का अच्छी तरह परीक्षण कर चुका है और इसे सही ठहरा चुका है। नीरव मोदी को लेकर विपक्ष के आरोपों के बारे में जेटली ने कहा कि उसने 2011 से ही बैंकों को ठगना शुरू कर दिया और तब संप्रग की सरकार थी। उसके अपराध को मौजूदा सरकार और इसकी एजेंसियों ने 2018 में पकड़ा। उसकी सारी संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं, सुनवाई के लिये आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं और उसे वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ संपत्तियों की नीलामी की जा रही है। यह महज कुछ ही समय की बात है उसे यहां सजा भुगतने के लिये वापस ले आया जाएगा। देश को ठगने वाला कोई भी बच नहीं सकता है।’’ जेटली ने कहा कि भगोड़े विजय माल्या और उसकी कंपनी को भी जब कर्ज दिये गये तब संप्रग की सरकार थी। यहां तक कि 2010 में बैंकों को माल्या के एनपीए के दोबारा पुनर्गठन करने के निर्देश दिये गये। इसे साबित करने के दस्तावेज भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी पुनर्गठन के कारण के कारण उसके खाते का नियमन हुआ और वह बैंकों को भुगतान नहीं करने में सक्षम हुआ। वह भाग गया। उसके खिलाफ संप्रग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। राजग सरकार ने उसके खिलाफ सिविल और आपराधिक मुकदमे दायर किये और प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू करने में सफलता हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ एक याचिका पर ब्रिटेन में अभी सुनवाई चल रही है।जेटली ने केंद्र सरकार से संस्थानों को खतरा होने के विपक्ष के आरोपों को भी खारिज कर दिया।उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक तथ्य इसके ठीक उलट हैं। यह विपक्ष ही है जिसने उनके पक्ष में फैसला नहीं देने की संभावना वाले न्यायधीशों पर दबाव बनाया और उन्हें धमकाया। यहां तक कि वे देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आये। यही नहीं सरकार की सत्ताधारी पार्टी ने जहां चुनाव आयोग का पूरी तरह सम्मान किया वहीं विपक्ष ने आयोग के खिलाफ आरोप उछाले।’’ जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था के बदहाल होने की बातों को भी नकार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करती अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में नहीं हो सकती है। हमारे वृहद आर्थिक आंकड़े पहले की तुलना में सबसे अच्छे हैं। हमारा राजकोषीय घाटा और चालू खाता घाटा नियंत्रण में है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार काफी अधिक है। हमारा राजस्व कई गुणा बढ़ा है। मंहगाई नियंत्रण में है।’’ उन्होंने ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ की बातों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले ढाई दशक में दर्जनों चुनाव हुए हैं जिनमें राजनीतिक दल जीतते या हारते रहे हैं। मशीनों में कोई खामी नहीं है। खामी राजनीतिक तौर पर हारने वालों में है। ये वही मशीन हैं जिनके रहते हुए कांग्रेस पार्टी हालिया राज्यों के चुनाव में जीती है।’

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