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जस्टिस चेलमेश्वर ने सीजेआई को लिखा खत, कहा-केंद्र को जस्टिस जोसेफ का नाम फिर भेजें

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को फिर से एक चिट्ठी लिखी है. ये पत्र उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में लाए जाने को लेकर लिखा गया है. जस्टिस केएम जोसेफ के नाम को केंद्र सरकार ने पिछले दिनों मंजूरी नहीं थी. जून में रिटायर हो रहे जस्टिस चेलमेश्वर ने पत्र लिखकर कहा है कि कॉलेजियम को दोबारा से जस्टिस जोसेफ का नाम केंद्र सरकार को भेजना चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक अपने पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर ने उन सभी मुद्दों का जवाब दिया है, जिन्हें केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से उठाया गया था. केंद्र की ओर से जस्टिस जोसेफ का नाम लौटाते हुए कुछ मुद्दे बताए गए थे, कि क्यों उनका नाम लौटाया जा रहा है. जस्टिस चेलमेश्वर ने अपने पत्र में उन सभी का जवाब दिया है.8 मई को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसफ को सुप्रीम कोर्ट में लाने की अनुशंसा पर विचार के लिए होने वाली सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की बैठक नहीं हुई. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने 2 मई को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस केएम जोसेफ पर अपना फैसला टाल दिया था. सरकार ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के पद पर जस्टिस जोसेफ के नाम को पुनर्विचार के लिए कोलेजियम को वापस लौटा दिया था. इसमें केंद्र की आरे से कुछ नियमों का हवाला दिया गया था.हालांकि इस बारे में यह भी कहा गया था कि केंद्र ने जस्टिस जोसेफ का नाम इसलिए ठुकराया, क्योंकि उन्होंने पिछले वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को खारिज कर दिया था. लेकिन केंद्री की ओर से सफाई दी गई थी कि जस्टिस जोसेफ के नाम को खारिज करने के फैसले का उसे फैसले से कुछ भी लेना-देना नहीं है.  केंद्र ने 26 अप्रैल को जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाने के कोलेजियम की अनुशंसा को लौटा दिया था.

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