केंद्र ने 5 साल के लिए PFI पर लगाया बैन, टेरर मॉड्यूल को लेकर की कार्रवाई

केंद्र सरकार ने PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके कुछ सहयोगी संगठनों को बैन कर दिया है। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है। PFI को बैन करने की मांग जांच एजेंसी व कई राज्यों ने की थी। हाल ही में NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। जांच एजेंसियों ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत देश भर में इस संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। बता दें, PFI पर टेरर फंडिंग से देश के कई शहरों में दंगे फैलाने और हत्याओं का आरोप है।

केंद्र ने PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों को भी बैन किया है।

असम के CM ने किया ट्वीट

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा PFI बैन को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी फैसले का किया स्वागत

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने भी मामले पर अपनी राय व्यक्त की है। मौलाना ने कहा कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है। मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने आगे कहा कि भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो।

कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी

गौरतलब है कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को जांच एंजसियों ने राज्य पुलिस के साथ PFI पर देश के कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। 22 सितंबर की छापेमारी में PFI के 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं दूसरे बार की छापेमारी में PFI से जुड़े सैकड़ों लोगों को पकड़ा गया। बता दें कि जांच एजेसियों ने गृह मंत्रालय से इस संगठन पर कार्रवाई की मांग की थी।

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