आज से पानी भी नहीं पिएंगे हार्दिक पटेल, कांग्रेस भी रखेगी एक दिन का उपवास

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अपने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के14वें दिन पर हैं. उन्होंने सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रस्ताव न मिलने के चलते ऐलान किया है कि वो अब जल का भी त्याग कर देंगे. हार्दिक की हालत मंगलवार से ही काफी बिगड़ी हुई है. गुरुवार को उन्हें एक जगह से लाने ले जाने के लिए व्हील चेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था.

वहीं गुजरात कांग्रेस ने घोषणा की है कि यदि राज्य सरकार पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से बातचीत नहीं करती है तो वह उनके समर्थन में शुक्रवार को 24 घंटे का उपवास रखेगी.

पाटीदार आरक्षण समिति ने हार्दिक के इस फैसले पर चिंता जताई और सरकार की उदासीनता की आलोचना की है. समिति ने कहा है कि सरकार हार्दिक के जीवन के साथ खेल रही है. समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि वो किसानों को मजबूर न करे. अब जब तक सरकार हार्दिक पटेल की मागों को नहीं मानती है तब तक हार्दिक पानी भी नहीं पिएंगे.

हार्दिक अपने हड़ताल के दौरान पहले भी पानी का त्याग कर चुके थे लेकिन उनसे मिलने आए लोगों ने उन्हें पानी पीते रहने के लिए मना लिया लेकिन अब 13वें दिन तक भी कोई समाधान न देखकर हार्दिक ने फिर से ये फैसला लिया है. हार्दिक का चेकअप करने वाले डॉक्टरों ने मंगलवार को बताया कि 11 दिनों में हार्दिक का करीब 20 किलो वजन कम हो गया है.

हार्दिक पटेल किसानों की कर्ज माफी और सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के तहत पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांगों को लेकर 25 अगस्त से अनशन कर रहे हैं.

डॉक्टरों ने मंगलवार को हार्दिक पटेल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की थी. जिसके कुछ घंटों बाद राज्य की बीजेपी सरकार ने गांधीनगर में पाटीदार समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी.

इस मुद्दे पर बातचीत के लिए कुछ पाटीदार संगठन मंगलवार को राज्य के मंत्रियों से मिले थे, जिसके बाद हार्दिक के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने इन संगठनों पर बीजेपी के एजेंट होने का आरोप लगाया है. अब पाटीदार संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि अब वे इस मामले में तब तक मध्यस्थता नहीं करेंगे जब तक ‘पास’ उन्हें लिखित में इसका अधिकार नहीं देती.

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