असम मेघालय सीमा विवाद पर बड़ी बैठक, गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्‍यमंत्रियों संग की विवादित मुद्दों पर चर्चा

मेघालय और असम के बीच का सीमा विवाद लगभग पांच दशक पुराना है. इसी को लेकर आज यानी गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya CM Conrad Sangma) दोनों मौजूद थे. बैठक खत्म होने के बाद असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिए गए अभ्यावेदन को सुना. उन्होंने हमें बताया कि अब गृह मंत्रालय 26 जनवरी के बाद हमें फिर से अधिकारियों के साथ बैठक के लिए बुलाएगा, ताकि चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके.

दरअसल, असम और मेघालय मंत्रिमंडल ने दोनों राज्यों के बीच पांच दशक पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए Give-and-take फॉर्मूले को मंजूरी दे दी गई है. पहले चरण में 12 विवादित क्षेत्रों में से छह क्षेत्रों का समाधान किया जाएगा. जिसमें हाहिम, गिज़ांग, ताराबारी, बोकलापारा, खानापारा-पिलिंगकाटा और रातचेरा शामिल है. वहीं अन्य छह क्षेत्रों, जहां विवाद अधिक जटिल हैं, उसपर बाद में विचार किया जाएगा. योजना के अनुसार सीमा का सीमांकन संसद प्रक्रिया के बाद किए जाने की उम्मीद है. वहीं जरूरी क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को भी लगाया जाएगा.

सीएम हेमंत बिस्वा ने की थी सर्वदलीय बैठक

असम-मेघालय सीमा विवाद के मुद्दे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सर्वदलीय प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी. बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री रनोज पेगु, अशोक सिंघल, प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया, कई एमलए, प्रदेश के मुख्य सचिव जिश्नू बरुआ कई वरिष्ठ अफसर समेत बाकी दलों के नेता मौजूद थे. बैठक के दौरान सीएम बिस्वा ने कहा था कि बातचीत के दौरान सभी दलों के प्रतिनिधियों को इस दिशा में हुई प्रगति की जानकारी दी गई है. सीएम ने ट्वीट कर कहा था, ‘दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ 3 क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों के आधार पर सौहार्दपूर्ण समाधान का रोडमैप तैयार कर लिया गया है’. असम-मेघालय सीमा विवाद को हल करने के हमारे प्रयासों ने फल देना शुरू कर दिया है, क्योंकि पहले चरण में समाधान के लिए 12 में से 6 क्षेत्रों की पहचान की गई है. बिस्वा ने कहा है कि इस मामले पर सीएम स्तर की कई दौर की बातचीत के बाद हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं.

5 दशक पुराना है विवाद

1972 में मेघालय को असम से अलग कर राज्य बनाया गया है. दोनों राज्य 733 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों पड़ोसी राज्यों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न समुदायों के बीच कई झड़पें हुई है. मेघालय कम से कम 12 इलाकों पर अपना दावा ठोकता रहा है. वह इलाके फिलहाल असम के कब्जे में हैं. दोनों राज्यों ने एक नीति अपना रखी है. जिसके तहत कोई भी राज्य दूसरे राज्य को बताए बिना विवादित इलाकों में विकास योजनाएं शुरू नहीं कर सकता.

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी. अधिनियम के तहत असम को जो इलाके दिए गए थे, उसे मेघालय ने खासी और जयंतिया पहाड़ियों का हिस्सा होने का दावा किया था. इस साल 21 जनवरी को मेघालय अपना 50वां स्थापना दिवस मनाएगा और दोनों राज्यों की सरकारें स्वर्ण जयंती समारोह से पहले विवाद सुलझाने में जुटी है.

Related Articles

Back to top button