अयोध्या विवाद मध्यस्थता से सुलझेगा, सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले का हल मध्यस्थता के जरिए हो। इसके लिए मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया है।
कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह करेंगे। इसके अलावा इन कमेटी में श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल हैं। साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस मामले की प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को इसकी रिर्पोटिंग से दूर रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह पूरी मध्यस्थता की प्रक्रिया अयोध्या में होगी। इसकी कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी। मध्यस्थता की प्रक्रिया एक सप्ताह में शुरू हो जाना है और आठ सप्ताह में मध्यस्थता की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। इसके बाद कमेटी को रिपोर्ट कोर्ट में सौंपनी होगी।
आपको बताते दें कि कोर्ट चाहता है कि 70 साल से भी अधिक समय से जारी अयोध्या विवाद का मध्यस्थता के जरिए सर्वमान्य समाधान निकाला जाए। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह केवल जमीन का नहीं बल्कि लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है।
मुख्य न्याधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों को सुना था। अब पीठ अगर मामले को मध्यस्थता के जरिए समाधान करने के लिए भेजती है तो इसे साहसिक निर्णय माना जाएगा क्योंकि हिंदू पक्ष इस कदम का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने इसे समय की बर्बादी करार दिया है। आपको बताते जाए कि इस पीठ में मुख्य न्याधीश के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

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