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अगस्ता वेस्टलैंड मामला: काले धन के आरोप में वकील गौतम खेतान गिरफ्तार

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले में आरोपी एडवोकेट गौतम खेतान की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को काले धन अधिनियम के तहत एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है. पिछले सप्ताह आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में गौतम खेतान से संबंधित कार्यालयों और विभिन्न अन्य संपत्तियों पर छापा मारा था.

इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के अनुसार आयकर विभाग ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड के अलावा अन्य रक्षा सौदों में कथित तौर पर किकबैक पाने के लिए खेतान के खिलाफ सबूत जुटाने का दावा किया है. यह गिरफ्तारी क्रिश्चियन मिशेल से पूछताछ के बाद हुई है जिन्होंने अगस्ता घोटाले में मनी ट्रेल का खुलासा किया था और खैतान ने किकबैक करने में मदद की थी.

खेतान को अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में सितंबर 2014 में गिरफ्तार किया गया

ईडी का कहना है- आयकर कानून के तहत ब्लैक मनी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करने के बाद गौतम खेतान को काले धन के मामले में गिरफ्तार किया गया है. चीली, हांगकांग, जाम्बिया, मॉरीशस, मलेशिया में लाखों डॉलर के लेन-देन पाए गए हैं. ईडी इस बात का पता लगा रहा है कि उसे यह पैसा कैसे और क्यों मिला. खेतान के खिलाफ उच्च प्रोफाइल VVIP हेलिकॉप्टर सौदे में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा चार्जशीट तैयार की गई है. खेतान को अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में उनकी भागीदारी के लिए सितंबर 2014 में गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें जनवरी 2015 में जमानत मिल गई थी. सीबीआई द्वारा 9 दिसंबर 2016 को संजीव त्यागी के साथ खेतान को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था.

खेतान के सहयोगियों और कर्मचारियों द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं

एजेंसी ने विस्तृत रूप से बताया था कि चॉपर सौदे मिलने के लिए रिश्वत के पैसे का भुगतान किस प्रकार किया गया था. साथ ही काल्पनिक निवेश और अनपेक्षित धन के रूप में इसे किस तरह पेश किया गया था. इसमें उल्लेख किया गया है कि अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा खैतान और उसके सहयोगी राजीव सक्सेना द्वारा नियंत्रित कंपनियों को भुगतान किए गए किकबैक को छिपाने के लिए काल्पनिक इंजीनियरिंग अनुबंध कैसे बनाए गए थे. ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट ने खेतान को स्पॉटलाइट पर ला दिया. इसमें बताया गया है कि खेतान के सहयोगियों और कर्मचारियों द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं. भारत द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में मॉरीशस, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड से दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं.

गवाहों ने खेतान की संपत्तियों के साथ छेड़छाड़ करने के बारे में बताया

एजेंसी ने दावा किया है कि इन गवाहों ने खेतान की संपत्तियों के साथ छेड़छाड़ करने और इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के बारे में बताया है. उन्होंने खेतान के विदेशी व्यापार सहयोगियों का विवरण प्रदान किया जो आय को बढ़ाने में सहायता कर रहे थे. एजेंसी ने कहा कि खेतान ने मोडस ऑपरेंडी को नियंत्रित किया है और पैसे के लेन-देन के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने अपने कनेक्शन का दुरुपयोग करते हुए, अपने ग्राहकों सहित अपने पिता से विरासत में मिली संपत्ति, दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, ट्यूनीशिया, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, भारत और अन्य जगहों पर कंपनियों और व्यक्तियों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के खातों के उपयोग के साथ पैसा लूटा है.

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