सस्ता होगा पेट्रोल, भारत-चीन मिलाएंगे हाथ, देंगे अरब देशों को टक्‍कर!

नई दिल्ली: अघोषित दुश्मन और लगातार टकराव के मूड में रहने वाले भारत-चीन अब एक महत्वपूर्ण मसले पर एक-दूसरे से हाथ मिलाने जा रहे हैं। यह मसला है तेल का जिसके बाद अरब देशों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोनों देशों के एक साथ आने की बात कही है। जानिए क्या है मामला…

भारत-चीन मिलकर दुनिया की तेल खपत में करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं इसलिए अब इस संभावना पर विचार होने लगा है क्यों न दोनों देश मिलकर पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों से कच्चा तेल खरीदने के मामले में बेहतर तरीके से मोलभाव करें। इससे सस्ता क्रूड मिलेगा। लिहाजा देश की पेट्रोलियम कंपनियां HPCL, BPCL और IOC भी पेट्रोल सस्ता करेंगी।टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान और चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (CNPC) के चेयरमैन वांग यिलिन तथा अन्य चीनी अधिकारियों से बातचीत में यह निर्णय किया गया है। 16वें इंटरनेशनल एनर्जी फोरम के मंत्रिस्तरीय राउंड के अवसर पर सभी लोग जुटे थे और उसी दौरान यह बातचीत हुई। बता दें कि कुछ दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर में तेल की वाजिब कीमतों की वकालत की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनि‍या को तेल सप्‍लाई करने वाले ओपेक देशों को संदेश देते हुए कहा था कि गैरवाजि‍ब तरीकों से कच्‍चे तेल की कीमतों को प्रभावि‍त करना ठीक नहीं है और इसकी वाजि‍ब कीमत तय करने के लि‍ए विश्‍व स्‍तर पर सहमति बननी चाहि‍ए। मोदी ने कहा कि दुनि‍या लंबे अर्से से तेल की कीमतों को रोलर कोस्‍टर करते हुए देख रही है। हमें उत्‍पादक और उपभोक्‍ता दोनों के हि‍तों को देखते हुए इसकी कीमतों को लेकर समझदारी भरा फैसला लेना चाहि‍ए।

गौरतलब है कि इसके पहले साल 2005 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने यह प्रस्ताव दिया था कि भारत-चीन को एक साझा मोर्चा बनाकर मोलभाव करना चाहिए ताकि वाजिब कीमत पर कच्चा तेल मिल सके। इसमें यह भी प्रस्ताव था कि साल 2006 में इसके लिए दोनों देशों के बीच एमओयू होगा, लेकिन द्विपक्षीय बाचतीत की तमाम जटिलताओं की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाया।

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