भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया

नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने बीएसपी संस्थापक कांशीराम की बहन के साथ एक रैली को संबोधित किया और एलान किया कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. चंद्रशेखर के इस कदम को उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है. उत्तर प्रदेश में दलितों को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रही भीम आर्मी ने बताया कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ और बीजेपी के विरूद्ध जहां मजबूत प्रत्याशी की जरूरत हुई वहां अपने उम्मीदवार उतारेगी.

बीएसपी संस्थापक कांशीराम की 85वीं जयंती के अवसर पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचित नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा, “मैं संविधान और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वाराणसी में नरेंद्र मोदी को चुनौती दूंगा. मैं सांसद या विधायक नहीं बनना चाहता. अगर ऐसा होता तो मैं सुरक्षित सीट चुनता.” भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, “प्रधानमंत्री को जब पता चला कि हम वाराणसी में उन्हें चुनौती देने वाले हैं तो उन्होंने इलाहाबाद में स्वच्छता कर्मियों के चरण पखारने शुरू कर दिये.” हालांकि बीजेपी ने औपचारिक एलान नहीं किया है कि मोदी आगामी चुनाव में किस सीट से लड़ेंगे. देश के विभिन्न हिस्सों में दलितों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “तानाशाह तो तानाशाह होता है. वह कभी शुभचिंतक नहीं हो सकता. इसलिए मैंने कहा कि हम भीमा कोरेगांव को दोहरा सकते हैं. अभी तक इसकी जरूरत नहीं पैदा हुई है, लेकिन अगर संविधान पर हमला हुआ हो हम ऐसा कर सकते हैं.”

चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि सामान्य श्रेणी के कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला संविधान पर हमला है और बीजेपी के हितों को साधने वाला है. उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन को कांशीराम की बहन स्वर्ण कौर को संसद भेजना चाहिए. भीम आर्मी के उपाध्यक्ष मंजीत नौटियाल ने बताया कि वह स्मृति ईरानी के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करेंगे. वह उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतारेंगे जहां एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी प्रत्याशी को हराने के लिहाज से मजबूत नहीं है. जब चंद्रशेखर से पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 70 साल में दलितों के लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ी. कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को ही मेरठ के एक अस्पताल में चंद्रशेखर से मुलाकात की थी.

अभी तक भीम आर्मी कहती आ रही थी कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी. उसने राज्य में एसपी-बीएसपी के गठबंधन का स्वागत किया था और कहा कि वह उन सभी का समर्थन करेगी जो बीजेपी से मुकाबले के लिए और दलित अधिकारों के लिए लड़ने को तैयार हैं.

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