ट्रिपल तलाक और नागरिकता विधेयक हो जाएंगे अब निष्प्रभावी

नई दिल्ली। वर्तमान लोकसभा के अंतिम सत्र (बजट सत्र) के दौरान विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक और तीन तलाक संबंधी विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं किये जा सकने के कारण इनका निष्प्रभावी होना तय है। दोनों विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं लेकिन उच्च सदन में बजट सत्र के दौरान कार्यवाही लगातार बाधित रहने के कारण इन्हें राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका। तीन जून को इस लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर ये दोनों विधेयक निष्प्रभावी हो जायेंगे।

संसदीय नियमों के अनुसार राज्यसभा में पेश किये गये विधेयक लंबित होने की स्थिति में लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी नहीं होते हैं। वहीं लोकसभा से पारित विधेयक यदि राज्यसभा में पारित नहीं हो पाते हैं तो वह लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी हो जाते हैं। नागरिकता विधेयक और तीन तलाक विधेयक के कुछ प्रावधानों का विपक्षी दल राज्यसभा में विरोध कर रहे हैं। उच्च सदन में सत्तापक्ष का बहुमत नहीं होने के कारण दोनों विधेयक लंबित हैं।

इसी प्रकार मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश के तहत ‘तीन तलाक’ को अपराध घोषित करने के प्रावधान का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इसमें तीन तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने वाले पति को जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। तीन तलाक को अवैध घोषित कर इसे प्रतिबंधित करने वाले प्रावधानों को सरकार अध्यादेश के जरिये दो बार लागू कर चुकी है। इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में पिछले साल सितंबर में पेश किया गया था जिसे लोकसभा से दिसंबर में मंजूरी मिली थी लेकिन इस विधेयक के राज्यसभा में लंबित होने के कारण सरकार को दोबारा अध्यादेश लागू करना पड़ा।

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