
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में मंदिर परिसर में बंधक बनाकर रेप करने और उसकी हत्या करने के मामले की चौतरफा निंदा हो रही है. इस बाबत जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने कहा कि यह एक बहुद ही जघन्य अपराध है, इससे बदतर कुछ नहीं हो सकता. एसआईटी ने काफी पेशेवर तरीके से अपने काम को अंजाम दिया है और चार्जशीट फाइल की है. अब हमें न्याय की उम्मीद है.बता दें कि कठुआ मामले के आरोपपत्र से इस बात का खुलासा हुआ था कि आठ वर्षीय बच्ची को एक मंदिर में नशीली दवा दे कर रखा गया था और उसकी हत्या से पहले दरिंदों ने फिर से उसे हवस का शिकार बनाया था. इससे पहले एस पी वैद ने कहा था कि प्रदेश पुलिस कठुआ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरह सक्षम है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने यहां सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण , बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी. चार्जशीट में कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान , मंदिर के सेवादार को अपहरण , बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. सांझी राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू , राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल हुए. आरोपपत्र में जांच अधिकारी ( आईओ ) हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्त भी नामजद हैं जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रूपया लिए और अहम सबूत नष्ट किए. आरोपपत्र में कहा गया है कि बच्ची का शव बरामद होने से छह दिन पहले 11 जनवरी को किशोर ने अपने चचेरे भाई जंगोत्रा को फोन किया था और मेरठ से लौटने को कहा था , जहां वह पढ़ाई कर रहा था. दरअसल , उसने उससे कहा कि यदि वह मजा लूटना चाहता है तो आ जाए.
आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को लापता हो गई थी जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी. जांचकर्ताओं ने कहा कि आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया. अपनी बच्ची के लापता होने के अगले दिन उसके माता पिता देवीस्थान गए और राम से उसका अता पता पूछा, जिसपर , उसने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई होगी.