केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल,किरेन रिजिजू की जगह नए कानून मंत्री बने अर्जुन मेघवाल

New Delhi: केंद्र सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की है। इसी कड़ी में किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटाकर यह मंत्रालय अर्जुन राम मेघवाल को दे दिया गया है। वहीं किरेन रिजिजू को भू विज्ञान मंत्री (Ministry of Earth Science) नियुक्ति किया गया है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव की मंजूरी दी है। बता दें कि किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रद्रेश पश्चिम लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। वे पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान साल 2019 में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए थे। वहीं जुलाई 2021 में उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था। उन्हें यह जिम्मेदार रविशंकर प्रसाद के स्थान पर दी गई थी।

2021 में कानून मंत्री बने थे रिजिजू
रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद बीजेपी सांसद हैं. किरन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर, 1971 को अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले में हुआ था. उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री है.उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव (अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र) लड़ा और जीत हासिल की. लेकिन वह 2009 के लोकसभा चुनाव में हार गए. 2014 के चुनाव में रिजिजू ने फिर से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बनाए गए. इसके बाद वे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल यानी 2019 में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए थे. जुलाई 2021 में जब कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था. उन्होंने रविशंकर प्रसाद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई.

कौन हैं अर्जुन मेघवाल

अर्जुन मेघवाल बीकानेर से भाजपा के सांसद हैं। वे साल 2009 से ही यहां सांसद बने हुए हैं। उनका जन्म बीकानेर के किस्मिदेसर गांव में हुआ था। उन्होंने बीकानेर स्थित डूंगर कॉलेज से बीए।एलएलबी की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने यहीं से आर्ट्स में मास्टर्स की डिग्री ली। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे फिलीपींस विश्वविद्यालय चले गए जहां से उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की थी। इसके बाद वे राजस्थान कैडर में बतौर आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं।

मेघवाल साल 2009 से बीकानेर लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्हें साल 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिला था। मई 2019 में उन्हें भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री बनाया गया था। इसके बाद अब 18 मई 2023 को उन्हें कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया है।

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