युद्ध चलने तक यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे-अमेरिका

जी-20 सम्मेलन में भाग लेने भारत आईं अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग हो रही है और यूक्रेन के खिलाफ उसके युद्ध को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के असर अब दिखाई देने लगे हैं। येलेन ने कहा, ‘‘युद्ध के शुरुआती दिनों से ही करीब 30 देशों के बहुस्तरीय गठबंधन ने साझेदारी की और रूस के क्रूर हमले के खिलाफ गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए। हमारे दो लक्ष्य थे…रूस के सैन्य उद्योग को कमजोर करना और उसके राजस्व को कम करना। ताकि युद्ध के लिए वित्तपोषण नहीं हो सके। हम इन कदमों का असर देख रहे हैं।

जी-20 की भारत की अध्यक्षता के तहत 24 और 25 फरवरी को समूह के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की होने वाली बैठक से पहले येलेन संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि जब तक युद्ध चलेगा वे यूक्रेन के साथ इस लड़ाई में खड़े रहेंगे। इसका संदर्भ देते हुए अमेरिका की वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने सहयोगियों की प्रशंसा करते हैं जो सीधी मदद के लिए आगे आए। हमारा मानना है कि यह अहम है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) यूक्रेन के लिए पूर्ण वित्तपोषित कार्यक्रम की ओर सुचारु तरीके से आगे बढ़ रहा है जैसा की उन्होंने करने को कहा है।

यूक्रेन का पूर्ण समर्थन भारत यात्रा के दौरान मेरे लिए चर्चा का सबसे अहम मुद्दा होगा। उन्होंने सीआईए के निदेशक बिल बर्न के शब्दों को याद करते हुए कहा कि पुतिन ने स्वयं सोचा था कि वह ‘न्यूनतम कीमत’ पर जीत हासिल कर लेंगे। मगर एक साल के बाद पुतिन का यह युद्ध क्रेमलिन की रणनीतिक असफलता है। यूक्रेन अब भी खड़ा है और नाटो और हमारा वैश्विक गठबंधन आज भी एकजुट होकर उसके पीछे खड़ा है।

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