सीरिया को लेकर UN की बैठक में भिड़े अमेरिका और रूस

संयुक्त राष्ट्र: सीरिया में नागरिकों पर किए गए रासायनिक हथियार हमलों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में अमेरिका और रूस आपस में भिड़ गए. अमेरिका ने कहा कि रूस की सरकार के हाथ सीरियाई बच्चों के खून से सने हुए हैं’’ जबकि रूस ने हमले की रिपोर्टों को फर्जी खबर बताया. सीरिया के डूमा में नागरिकों पर रासायनिक हथियारों से हमले करने के दावों के बाद बुलाई गई आपात बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अधिकारियों ने ऐसे हथियारों के इस्तेमाल का खतरा आम होने पर गंभीर चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि इससे शीत युद्ध के खत्म होने के बाद से पहली बार विश्व शक्तियों के बीच तनाव तेजी से बढ़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि वह सभी हत्याओं की तस्वीरें दिखा सकती हैं ताकि सुरक्षा परिषद इन्हें देखें लेकिन इससे क्या होगा ? इन हमलों के लिए जिम्मेदार असुरों की कोई अंतरात्मा नहीं है, यहां तक कि मारे गए बच्चों की तस्वीरें देखकर भी उनका पत्थर जैसा दिल पिघलेगा नहीं ।’’ हेली ने कहा , ‘‘ सीरियाई बच्चों के खून से सने हाथों वाली रूसी सरकार इन पीड़ितों की तस्वीरों से शर्मसार नहीं हो सकती.

हमने पहले भी ऐसी कोशिश की थी.हमें असद सरकार के जानलेवा विनाश में मदद करने के लिए रूस और ईरान की भूमिकाओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका यह देखने के लिए दृढ़ निश्चयी है कि सीरियाई लोगों पर रासायनिक हथियार गिराने वाले दानव को सजा दी जाए.’’ हेली ने चेतावनी दी कि अमेरिका ‘‘ जवाब ’’ देगा और ‘‘ महत्वपूर्ण फैसले ’’ लिए जा रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि बिना जांच किए जिम्मेदारी का बोझ रूस और ईरान पर डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि डूमा में सरीन या क्लोरीन के इस्तेमाल की पुष्टि नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि ऑर्गेनाइजेशन फोर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपंस ( ओपीसीडब्ल्यू ) के विशेषज्ञों को तुरंत दमिश्क जाना चाहिए जहां सीरियाई प्रशासन और रूसी सैनिक उन्हें घटनास्थल पर ले जाने में मदद करेंगे और वे स्थिति का निरीक्षण करें जैसा कि अमेरिका के राष्ट्रपति और अन्य पश्चिमी नेताओं ने कहा है. उन्होंने कहा कि होम्स प्रांत में कल हवाई हमले काफी परेशान करने वाले थे और डूमा से आ रही ‘‘ फर्जी खबरों का मकसद ब्रिटिश जासूस सर्गेई स्क्रिपल के मामले से ध्यान हटाना है.

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