लंदन में विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण पर सुनवाई आज, फैसले की तारीख होगी तय

लंदन : भारतीय बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने वाले फरार कारोबारी विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले में आज यानी मंगलवार को ब्रिटेन में अंतिम सुनवाई होगी. अंतिम सुनवाई के लिए वह लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में हाजिर होंगे. न्यायाधीश एम्मा इस मामले में फैसले के लिये तारीख तय करेंगी.

किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुखिया माल्या भारत को उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर हैं. इस मामले में भारतीय एजेंसियों का पक्ष रख रही क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा, “वरिष्ठ डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश (एम्मा अर्बुथनाट) कल मामले में अंतिम सुनवाई करेंगी. फैसले को आगे की तारीख के लिये सुरक्षित रखा जाएगा.पिछली सुनवाई (27 अप्रैल) के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को उस समय बड़ी कामयाबी मिली थी जब न्यायाधीश अर्बुथनाट ने मामले में भारतीय एजेंसियों द्वारा पेश सबूतों को स्वीकार किया था. गौरतलब है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे धोखेबाजों के देश छोड़कर भाग जाने पर लगाम लगाने के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति ने पासपोर्ट कानून को कड़ा करने का सुझाव दिया है.

गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी
इस संबंध में समिति ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. चोकसी के हाल में एंटीगुआ की नागरिकता लेने के बाद गृह मंत्रालय ने इस समिति का गठन किया था. समिति को ऐसे भारतीय पासपोर्ट धारकों के मामले देखने को कहा गया है, जिन्होंने दोहरी नागरिकता ले ली है. इसके बाद समिति ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक उप-समूह का गठन किया जिसे भारतीय पासपोर्ट और दोहरी नागरिकता के मुद्दे को देखने का काम दिया गया. सूत्रों ने बताया कि जांच के बाद कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने पासपोर्ट कानून में संशोधन की सिफारिश की है, ताकि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों और धोखेबाजों के देश छोड़कर भाग जाने पर लगाम लगायी जा सके.

भारत आने को तैयार
भगोड़ा घोषित हो चुके विजय माल्या आखिरकार भारतीय बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार हैं. वह भारत लौटना चाहते हैं और कर्ज चुकाना चाहते हैं. इसके लिए विजय माल्या ने एक बयान जारी किया है. कर्ज नहीं चुकाने के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए विजय माल्या ने कहा कि वह कर्ज चुकाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. विजय माल्या ने यह भी कहा कि वह कर्ज चुकाने के लिए पहले से ही तैयार थे, लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. माल्या के मुताबिक, उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को 15 अप्रैल 2016 में चिट्ठी लिखी थी. लेकिन, कोई जवाब नहीं मिला. अब माल्या ने 22 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की है कि उसे 13900 करोड़ की संपत्ति बेचने की इजाजत मिले.

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