रूस के विस्फोटक प्लांट में भीषण आग, अब तक 16 लोगों के मारे जाने की खबर

रूस (Russia) के एक केमिकल प्लांट (Chemical Plant) में भीषण आग लगने की खबर है. जानकारी के मुताबिक अब तक 16 लोगों के मारे जाने की खबर है. यह आग मॉस्को (Moscow) के दक्षिणपूर्व में स्थित एक प्लांट में लगी (Russia Chemical Plant Blast) है, जहां विस्फोटक के अलावा हथियार बनाए जाते हैं. कई लोगों के लापता होने की भी खबर है. रूस के सोशल मीडिया पर इस भयावह हादसे से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इसमें मॉस्को से 300 किलोमीटर दूर जंगल में लेसनोए (Lesnoye) गांव की फैक्टरी में कई गाड़ियों में आग लगी देखी जा सकती है.

आपातकालीन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इस आग की वजह से 17 लोग घायल हो गए हैं. एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि 9 लोगों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिली है. इससे पहले यह कहा गया था कि रियाजान क्षेत्र (Ryazan region) में पीजीयूपी इलास्टिक फैक्ट्री (PGUP Elastic factory) में तकनीकी प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों के उल्लंघन की वजह से आग लग सकती है. इस प्लांट की वेबसाइट के मुताबिक, ये नागरिक उपयोग के लिए औद्योगिक विस्फोटकों का उत्पादन करता है, लेकिन रक्षा क्षेत्र के लिए गोला-बारूद के साथ-साथ पनडुब्बियों के लिए गैस जनरेटर भी बनाता है.

इलाके में तैनात किए गए 170 से अधिक बचाव दल

मंत्रालय ने कहा कि उसे पहली बार स्थानीय समयानुसार 08:22 बजे प्लांट में आग लगने की सूचना मिली थी. स्थानीय प्रशासन के प्रमुख ने पहले TASS समाचार एजेंसी को बताया कि आग लगने के समय 17 लोग प्लांट की कार्यशाला के अंदर थे. मंत्रालय ने कहा कि उसने इलाके में 170 से अधिक बचाव दल तैनात किए हैं. घटना से आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद हैं, क्योंकि एक सूत्र ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया कि इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई है.

खराब बुनियादी ढांचे की वजह से लगती है आग

रूस में दुर्घटनावश आग लगना आम बात है. यहां पर पुराने पड़ते और खराब बुनियादी ढांचे के अलावा सुरक्षा मानकों का पालन न करने की वजह से सैकड़ों आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की जाती हैं. हाल के समय में रूस की सबसे भीषण आग आपदा 2018 में साइबेरियाई शहर केमेरोवो में एक शॉपिंग सेंटर में हुई थी. इसमें 41 बच्चों सहित 64 लोगों की मौत हो गई. जांचकर्ताओं ने कहा था कि आग इमरजेंसी एग्जिट के बंद और गैर-कार्यशील अलार्म सिस्टम सहित सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन की वजह से लगी थी. इसके बाद के अधिकारियों ने पाया कि देश भर में सैकड़ों वाणिज्यिक और सांस्कृतिक स्थल अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं.

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