कौन होगा ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री? महंगाई पर ट्रस-सुनक में हुई जोरदार बहस

ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी का नया नेता कौन होगा, बोरिस जॉनसन की जगह देश का अगर प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इन सारे सवालों का जवाब तो पांच सितंबर को मिलेगा. मगर पीएम बनने की रेस में शामिल दो फाइनलिस्ट ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच जोरदार बहस तेज हो गई है. लाइव डिबेट में महंगाई के मुद्दे पर दोनों आपस में भिड़ गए. देश में महंगाई को कैसे कम किया जाए, इसको लेकर दोनों में जोरदार बहस हुई. दोनों ने महंगाई के मुद्दे पर अलग अलग दृष्टिकोण पेश किए हैं. लिज ट्रस ने वादा किया है कि अगर वह ब्रिटेन की पीएम चुनी जाती हैं तो टैक्स में तत्काल कटौती करेंगी.

वहीं, ऋषि सुनक ने सबसे कमजोर परिवारों के लिए सपोर्ट और टैक्स में कटौती का वादा किया है. उन्होंने कहा कि अगर वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री निर्वाचित होते हैं, तो वह अगले कुछ वर्षों में आयकर की मूल दरों को मौजूदा 20 प्रतिशत से घटाकर 16 प्रतिशत करेंगे. सुनक ने कहा कि वह अप्रैल 2024 में आयकर में अपनी पहले घोषित एक प्रतिशत कटौती पर कायम रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगली संसद का कार्यकाल खत्म होने तक 2029 के आसपास तीन प्रतिशत की कटौती और की जाएगी. इससे आयकर की मूल दर 20 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत हो जाएगी.

मुद्रास्फीति 13 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी

लिज ट्रस ने कहा कि वह बढ़ते बिलों से जूझ रहे परिवारों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वहीं, देश के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने आपातकालीन बजट में टैक्स कटौती के लिए ट्रस की योजना पर हमला बोला है. उन्होंने बड़े व्यवसायों के लिए इसे एक बड़ा झटका करार दिया है. सुनक ने आगे कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड का अनुमान है कि मुद्रास्फीति 13 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. औसत घरेलू ऊर्जा बिल लगभग 4,000 पाउंड तक पहुंचने की भविष्यवाणी के साथ देश के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वी (ट्रस) के उपाय काम नहीं आने वाले हैं.

‘ऐसे वादे नहीं करूंगा, जिन्हें मैं पूरा नहीं कर सकता’

वहीं, सुनक ने अपनी प्रतिद्वंद्वी द्वारा टेक्स को लेकर कहीं गई बातों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सबसे पहले, मैं कभी भी इस तरह से करों को कम नहीं करूंगा, जो सिर्फ मुद्रास्फीति को बढ़ाएं. दूसरा, मैं कभी ऐसे वादे नहीं करूंगा, जिन्हें मैं पूरा नहीं कर सकता. और तीसरी बात, हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके बारे में मैं हमेशा ईमानदार रहूंगा.’

वोटरों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई

ब्रिटेन में अगले चुनाव के मद्देनजर वोटरों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा बढ़ती हुई महंगाई है. वोटिंग करते समय उनके समक्ष यह सबसे प्रमुख मुद्दा होगा. इस लिहाज से देश के नए प्रधानमंत्री का चुनाव करना एक कड़ी और बड़ी चुनौती है. ब्रिटेन में ऊर्जा की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण लोगों को गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों के बीच उनके भुगतान से लाभ कमाने वाली उपयोगिता कंपनियों के प्रति नाराजगी बढ़ती ही जा रही है.

कंजरवेटिव पार्टी के सामने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की चुनौती

प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल दोनों उम्मीदवार (लिज ट्रस और ऋषि सुनक) बोरिस जॉनसन के अधीन काम कर चुके हैं. मौजूदा समय में ब्रिटेन की सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. सरकार को कुछ सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. कंजरवेटिव पार्टी के सामने दुनिया के सामने ब्रिटेन की स्थिति को मजबूत करने की भी चुनौती है.

Related Articles

Back to top button