कश्मीर के हालात से परेशान हैं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख; कहा- भारत पाक की अपील पर मदद करने को तैयार

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चिंता प्रकट की है और दोनों देशों के अनुरोध की स्थिति में इस विवाद के हल में मदद की इच्छा व्यक्त की है. उनके प्रवक्ता ने यह बात कही. गुतारेस के प्रवक्ता स्टेफेन दुजार्रिक ने 5 अप्रैल को यहां कहा, ‘‘महासचिव ने स्थित पर अपनी चिंता प्रकट की और प्रकट करते रहेंगे. मैं समझता हूं कि हमने इसी हफ्ते पहले भी इस बारे में बात की और सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा करने की आवश्यकता की याद दिलायी.’’

संयुक्त राष्ट्र की कश्मीर पर हमेशा नजर
वह कश्मीर में स्थिति पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. उनसे यह सवाल किया गया था कि क्या महासचिव ने भारतीय अधिकारियों से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे पर सैद्धांतिक स्थिति यह है कि जहां कहीं भी सदस्य देशों के बीच मतभेद दूर किया जाना है तो संयुक्त राष्ट्र उसके लिए उपलब्ध है बशर्ते दोनों पक्षों को उसकी जरुरत हो, वे उसकी मांग करें और उन्हें कोई आपत्ति न हो. उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, मैं (खासकर) कश्मीर की चर्चा नहीं कर रहा. मैं बस संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत के प्रश्न का जिक्र कर रहा हूं और यह बता रहा हूं कि यह कैसे कार्य करता है.’’ प्रवक्ता ने कहा कि वैसे संयुक्त राष्ट्र की कश्मीर की स्थिति पर सदैव नजर रहती है.

फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर राजनीतिक पहल की मांग की
वहीं दूसरी ओर कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर राजनीतिक पहल की मांग करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार (6 अप्रैल) को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि ‘‘निरंतरआम नागरिकों के मारे जाने’’ से जम्मू कश्मीर के उथल- पुथल और अस्थिरता के खतरनाक कगार पर पहुंचने का खतरा है. अब्दुल्ला 6 अप्रैल को नई दिल्ली में सिंह से मिले और उन्होंने उन्हें घाटी की‘ गंभीर स्थिति’ के बारे में बताया.

इस भेंट के बाद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आम नागरिकों के मारे जाने में वृद्धि अस्वीकार्य है और इससे घाटी के उथल- पुथल तथा और ही अस्थिरता के खतरनाक कगार पर पहुंच जाने का जोखिम है. मैं केंद्र सरकार से कश्मीर में निर्दोष बेशकीमती जान जाने से रोकने के निर्णायक उपाय करने, उनमें अलग- थलग तथा मोहभंग की भावना को रोकने के लिए टिकाऊ, प्रभावी एवं गंभीर राजनीतिक पहल करने की अपील करता हूं.’’

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