अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट्स पर असरदार है कोवैक्सीन, US की शीर्ष संस्था ने किया दावा
वॉशिंगटन. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) में तैयार हुई कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वायरस (Coronavirus) के अल्फा (Alpha) और डेल्टा (Delta) वेरिएंट्स को प्रभावी तरीके से बेअसर करती है. यह बात शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य शोध संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने कही है. संस्था ने दो स्टडीज के नतीजों के हवाले से यह जानकारी दी है. NIH ने यह भी कहा है कि उनकी आर्थिक मदद से तैयार हुए एड्जुवेंट ने काफी असरदार कोवैक्सीन तैयार करने में मदद की है. सबसे पहले अल्फा वेरिएंट ब्रिटेन और डेल्टा वेरिएंट भारत में पाया गया था.
NIH ने कहा कि कोवैक्सीन प्राप्त करने वाले लोगों के ब्लड सीरम पर दो स्टडीज की गई थीं. इनके नतीजों से पता चला है कि वैक्सीन एंटीबॉडी तैयार करती हैं, जो SARS-CoV-2 के अल्फा (B.1.1.7) और डेल्टा (B.1.617) वेरिएंट्स को प्रभावी ढंग से बेअसर कर देती है. इस दौरान संस्था ने कांसास के लॉरेंस स्थित बायोटेक कंपनी विरोवैक्स एलएलसी में पाए और जांच किए गए एड्जुवेंट Alhydroxiquim-II पर भी बात की. इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीजेज (NIAID) के एड्जुवेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम ने मदद की थी.दरअसल, एड्जुवेंट्स ऐसे पदार्थ होते हैं, जो वैक्सीन के प्रभाव को बढ़ाने और इम्यून प्रतिक्रियाओं में इजाफा करने के लिए टीके के हिस्से के रूप में तैयार किए जाते हैं. NIAID के निदेशक डॉक्टर एंथॉनी फाउची ने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि अमेरिका में NIAID के साथ तैयार हुई नोवल वैक्सीन एड्जुवेंट भारत के लोगों के लिए उपलब्ध कोविड-19 वैक्सीन का हिस्सा है.’कोवैक्सीन में SARS-CoV-2 का निष्क्रीय रूप है, जो खुद को बढ़ा नहीं सकता, लेकिन वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने के लिए इम्यून सिस्टम को प्रोत्साहित कर सकता है. NIH ने बताया कि दूसरे चरण के ट्रायल से मिलने नतीजे बताते हैं कि यह वैक्सीन सुरक्षित है. संस्था ने यह भी कहा कि कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल का सुरक्षा डेटा इस साल उपलब्ध हो जाएगा.