अफगानिस्तान गृहयुद्ध पर लगेगा विराम? अफगान प्रतिनिधिमंडल और तालिबान के बीच कतर में होगी वार्ता

काबुल। अफगानिस्तान सरकार का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा में तालिबान से मुलाकात करेगा ताकि शांति प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके। दो अफगान अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने विषय की संवेदनशीलता के कारण अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि तालिबान से उम्मीद की जाती है कि जब दोनों पक्ष संभवत: शुक्रवार को मिलेंगे तो वे अपने वरिष्ठ नेताओं को वार्ता की मेज पर लाएंगे।कतर की राजधानी दोहा में तालिबान का एक राजनीतिक कार्यालय है। शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने का नवीनतम प्रयास ऐसे समय आया है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी कर रहा है। यह घटनाक्रम ऐसे समय आया है जब अमेरिका के निवर्तमान कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ने चेतावनी दी है कि हिंसा बढ़ने से अफगानिस्तान के दशकों के युद्ध का शांतिपूर्ण अंत खोजने की संभावना गंभीर रूप से प्रभावित होगी। दोहा में प्रस्तावित वार्ता का नेतृत्व अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे, जो अफगानिस्तान की सुलह परिषद के प्रमुख हैं।

उनका इरादा कथित तौर पर आगे का रास्ता तय करने का है जो उस हिंसा को समाप्त कर सकता है जो पिछले साल फरवरी में अमेरिका द्वारा तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से लगातार बढ़ रही है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के दोहा वार्ता में भाग लेने के लिए काबुल के प्रतिनिधियों में शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने मंगलवार को राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान में शांति आ रही है। उन्होंने देश के युवाओं से देश में रहने का आग्रह किया।

करज़ई ने कहा, ‘‘मैं अफ़ग़ान सरकार से शांति के अवसर को न चूकने का आह्वान करना चाहता हूं, शांति स्थापित करने और शांति के माध्यम से एक राष्ट्रीय सरकार बनाने की पूरी कोशिश करें। मैं दोनों पक्षों से कहना चाहता हूं कि आप इस भूमि के मालिक हैं। एक दूसरे के साथ बैठें और शांति स्थापित करें।’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दिन अफगानिस्तान में एक महिला राष्ट्रपति होगी।

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