ऋषि सुनक के पीएम बनते ही ब्रिटेन में कम हुई मंहगाई दर

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (UK PM Rishi Sunak) के सत्ता में आने के बाद से ही उनके ऊपर लगातार इकोनॉमी को बेहतर करने का दवाब है. अक्टूबर के महीने में यूके में महंगाई (Inflation in UK) ने 41 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. इसके बाद से ही सरकार के ऊपर महंगाई पर लगाम लगाने का दबाव बढ़ रहा था.ऐसे में बुधवार के दिन यूके की महंगाई के आंकड़े देश के इकोनॉमी (UK Economy) के लिए बेहतर संकेत लेकर आए हैं. अक्टूबर के महीने में ब्रिटेन में महंगाई 11.1 फीसदी था जो नवंबर के महीने में घटकर 10.7 फीसदी पर आ गया है.

खास बात ये है कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई दर का आंकड़ा 10.9 फीसदी रहने का अनुमान था. ऐसे में ब्रिटेन में अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बेहतर महंगाई के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं. नवंबर के महीने में महंगाई दर (UK inflation Falls) अनुमान से 0.2 फीसदी कम रहा है. ऐसे में 41 साल में सबसे भयंकर महंगाई झेल रही ब्रिटेन की जनता के लिए यह राहत भरी खबर है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी भी ब्रिटेन में महंगाई 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है. ब्रिटेन में महंगाई कम होने के पीछे का कारण यह है कि पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ने की गति में कमी आई है. इससे महंगाई को काबू करने में सरकार को मदद मिली है.

ब्रिटेन में नॉन-एल्कोहलिक प्रोडक्ट के प्राइस में 16.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है जो कि साल 1977 के बाद से अबतक सबसे ज्यादा है. इसके अलावा खाने पीने की चीजों के प्राइस में जबरदस्त उछाल दर्ज किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार के ब्याज दरों में बढ़ोतरी और बाकी कदमों से महंगाई में कमी आने की संभावना है, लेकिन आम जनता को पूरी तरह से राहत साल 2024 में ही मिलेगी.

अमेरिका में महंगाई को कंट्रोल (Inflation in USA) करने के लिए फेड रिजर्व लगातार (Fed Rate Hike) अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है. बुधवार यानी 14 दिसंबर 2022 को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने आशंका के मुताबिक अपनी ब्याज दरों में एक बार फिर से इजाफा करने का फैसला किया है.इस बार फेड रिजर्व में अपनी ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस ऐलान के बाद अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने आशंका के मुताबिक अपनी ब्याज दरों में एक बार फिर से इजाफा करने का फैसला किया है.

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