तिहाड़ में गैंगवार: अब भी चल रहा है क्राइम का साम्राज्य!

New Delhi: एशिया की सबसे ज्यादा सुरक्षित कही जाने वाली तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के अंदर गैंगवार का होना और किसी गैंगस्‍टर का कत्‍ल हो जाना अब आम बात हो गयी है। वो तिहाड़ जेल जहां सेंट्रलाइज्ड CCTV कंट्रोल रूम से जेल के चप्पे-चप्पे और 13 हजार कैदियों को सुरक्षित कैद में रखा जाता है। वहां 19 दिनों के भीतर ये दूसरा गैंगवार है। 14 अप्रैल को गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या की गई थी। 2 मई यानि आज सुबह दिल्ली के रोहिणी कोर्ट शूटआउट के आरोपी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई।

आज सुबह दिल्ली के रोहिणी कोर्ट शूटआउट के आरोपी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर विरोधी गिरोह के सदस्य गैंगस्टर राजेश बवानिया, योगेश टुंडा, दीपक तीतर और रियाज खान ने टिल्लू पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। हमले में गैंगस्टर टिल्लू की मौत हो गई।

राजधानी की तिहाड़ जेल में 14 अप्रैल की शाम हुई गैंगवार में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई। उस पर चाकू जैसे धारदार हथियार से छह से ज्यादा वार किए गए। इस वारदात से जेल में कैदियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार, टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र गोगी का गैंग दिल्ली के बाहरी इलाके में सक्रिय है। दोनों गैंग के सरगनों की आपस की लड़ाई में कई लोगों की जान जा चुकी है। बताया जाता है कि टिल्लू ताजपुरिया ने अपने साथी की हत्या का बदला लेने के लिए रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या करा दी थी, जिसके बाद अब गोगी के सदस्यों ने जेल में टिल्लू की हत्या कर दी। वहीं, गोगी की हत्या का बाद इस गिरोह की कमान दीपक बॉक्सर ने संभाल ली थी और वह लगातार टिल्लू की हत्या का प्रयास कर रहा था, लेकिन बाद में उसने कुख्यात गैंगस्टर लारेंस से हाथ मिला लिया। इसके बाद उसका गिरोह मजबूत हो गया था।

दो दोस्त, दो गैंग, दो साल में दोनों का खात्मा

टिल्लू का सबसे खास दोस्त गोगी था। गोगी का असली नाम जितेंद्र मान था।  टिल्लू और गोगी अच्छे खिलाड़ी होने के बाद साथ-साथ पक्के दोस्त भी थे। 12 वीं पास करने के बाद टिल्लू और गोगी दोनों ने दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में स्पोटर्स कोटे से एडमिशन लिया। 2007 में दोस्ती और गहरी होती चली गई। जितेंद्र शुरू से ही वॉलीबॉल और एथलेटिक्स का बढ़िया खिलाड़ी था। खेल के साथ-साथ दोनों ने ये फैसला किया कि वो कॉलेज का इलेक्शन लडे़ंगे। नाम कमाएंगे। इस दौरान छात्र संघ चुनाव आ गया। दोनों ने चुनाव लड़ा। बस यहीं से दोनों के बीच दुश्मनी की नींव पड़ गई। टिल्लू चाहता था कि गोगी इलेक्शन न लडे़, जब कि गोगी इसके उलट चाहता था।

इसी बात को लेकर दोनों के बीच रिश्ता खराब हो गया। और इतना खराब कि ये दुश्मनी गैंगवॉर में बदल गई। कभी दोनों एक ही गैंग का हिस्सा थे, लेकिन कॉलेज चुनाव में दो फाड़ के बाद साल 2012 में अलग हो गए। दोनों के अलग-अलग दोस्त थे, जो अब एक-दूसरे के दुश्मन बन गए। साल 2013 आते-आते जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के बीच गैंगवॉर और तेज हो गई। सुनील मान आउटर दिल्ली और हरियाणा में एक्टिव था। न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी और न ही गैंग के बदमाश रुक रहे थे। हालांकि सूत्र बताते हैं कि पुलिस अंदर से इस बात से खुश थी कि गैंग के लोग आम लोगों को निशाना न बना कर एक-दूसरे की ही हत्याएं कर रहे हैं और पुलिस का काम आसान कर रहे हैं।

दोनों गैंग हत्या, उगाही, और लूटपाट की कई वारदातों को अंजाम देने लगे। दुश्मनी बढ़ती चली गई। उस दौरान दोनों गैंग ने एक-दूसरे के सदस्यों को निपटाना शुरू कर दिया था। साल 2015 आते-आते दोनों एक-दूसरे को अपना दुश्मन नंबर 1 समझते थे। अब बात यहां तक पहुंच गई कि दोनों ही एक-दूसरे का कत्ल करना चाहते थे। यहां लड़ाई अब ‘इज्जत’ की थी।

सबसे पहले 2015 में इस गैंगवार में गोगी गैंग ने दीपक उर्फ राजू को मारा, जिसके बाद से हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। दोनों गैंग की लड़ाई में अब तक कुल 25 लोग मारे जा चुके हैं।

टिल्लू 2016 से जेल में बंद था। उसे 2016 में सोनीपत पुलिस ने उसे एक मर्डर के आरोप में रोहतक से गिरफ्तार किया था। टिल्लू ताजपुरिया पर 11 केस दर्ज थे, जिसमें 3 केस मर्डर के हैं। 2018 में टिल्लू ताजपुरिया और उसके गैंग के लोगों पर मकोका भी लगाया गया था। वो नीरज बवाना, सुनील राठी गैंग से भी जुड़ा हुआ था।

टिल्लू की नजदीकियां थी नीरज बवाना गैंग से

दिल्ली में कुख्यात गैंगस्टर नीतू दाबोदिया का साल 2013 में एनकाउंटर हो गया था। इसमें नीरज बवानिया का नाम सामने आया था। उसे अरेस्ट कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जेल में टिल्लू की दोस्ती दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना से हुई। कहते हैं न कि जेल में एक बदमाश दूसरे से इसलिए दोस्ती करता है ताकि वो अपने दुश्मन को निपटा सके। कुछ ऐसा ही हुआ। टिल्लू नीरज के सिंडिकेट का हिस्सा हो गया। इसके पीछे वजह साफ थी कि टिल्लू चाहता था कि गोगी को तभी खत्म किया जा सकता है, जब वो किसी बड़े गैंग का हिस्सा बन जाए। इस वजह से उसने नीरज से हाथ मिलाया, लेकिन नीरज क्यों गोगी के खिलाफ था? दसअसल, वो भी उसका वर्चस्व खत्म करना चाहता था।

ऐसा भी कहा जाता है कि टिल्लू को तिहाड़ में मारने की साजिश रची गई थी। ये साजिश रची थी लॉरेन्स बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया गैंग ने। ये दोनों टिल्लू की हत्या की फिराक में थे। ऐसा कहा जाता है कि लॉरेन्स बिश्नोई की नजदीकियां गोगी से थी।

इस बीच गोगी भी जेल पहुंच गया। बात 2018 की है। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में गैंगवॉर हुई। ताबड़तोड़ गोलियां चली। दिल्ली के कुख्यात गोगी और टिल्लू गैंग के बीच गैंगवार में रास्ते से गुजर रही एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई। गैंगवार में सात और लोग जख्मी हुए। इसकी पहल की गोगी गैंग ने। एक जिम से कुछ युवक बाहर निकले। वे पास खड़ी स्कॉर्पियो में सवार हो रहे थे , तभी एक फॉरच्यूनर कार उनके पास रुकी। फॉरच्यूनर कार में गोगी गैंग के लोग सवार थे। इसमें सवार बदमाशों ने स्कॉर्पियो सवार युवकों पर फायरिंग शुरू कर दी। स्कॉर्पियो में टिल्लू गैंग के लोग थे। गोली लगने से स्कॉर्पियो में सवार एक युवक की मौत हो गई, जबकि गाड़ी में सवार अन्य युवक जान बचाने के लिए भागने लगे। बचाव में दूसरे पक्ष के सदस्यों ने भी फायरिंग की। तभी रास्ते से गुजर रही एक महिला को गोली लग गई।

इसके बाद बदले की आग में टिल्लू गैंग पागल हो गया था। उनका मकसद था जितेंद्र गोगी की हत्या करना। दोनों जेल में थे। साल 2021 में टिल्लू गैंग ने इस कारनामे को अंजाम दे ही दिया। जगह थी रोहिणी कोर्ट। अब बारी थी टिल्लू की। उनके गुर्गों ने कोर्ट के अंदर ही गोगी की हत्या कर दी। इस कांड में तीन लोगों की मौत हुई। इसके अलावा और भी कई संदेश साफ़ थे जो इशारा कर रहे थे कि गोगी की मौत के बाद दिल्ली- एनसीआर में खून खराबा और बढ़ेगा, क्योंकि गोगी की हत्या से लारेंस खेमा सदमें में था। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से गोगी की मौत के बाद रातों रात दिल्ली के तिहाड़ जेल नंबर 1 से गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई और मंडोली 15 नंबर जेल से गैंगस्टर संपत नेहरा को राजस्थान की जेल में शिफ्ट किया था। संपत नेहरा मंडोली में उसी जेल में बंद था, जहां गोगी की मौत का आरोपी टिल्लू ताजपुरिया बंद था।

अब गोगी मर गया था, लेकिन बदले की आग नहीं। गुर्गों ने अब जिम्मा उठाया था टिल्लू को मारने का और मंगलवार को टिल्लू का भी खात्मा कर दिया गया। चार बदमाशों ने टिल्लू की तिहाड़ जेल में ही मार डाला। तो क्या अब इसके पीछे गोगी गैंग और लारेंस बिश्नोई का हाथ है, इसकी तहकीकात भी की जा रही है?

 

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