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PFI पर बैन का स्वागत, आतंक से देश सुरक्षित तो हम सुरक्षित- अजमेर दरगाह दीवान

केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबंधित कई संगठनों पर बैन लगा दिया है. बैन के फैसले का अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने स्वागत किया है. अजमेर दरगाह के दीवान ने कहा है कि यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए. देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं.

जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा, ”देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है और अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है. मैंने खुद पहली बार सरकार से दो साल पहले पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.

केंद्र सरकार ने क्यों लगाया PFI पर बैन?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है.

ISIS जैसे आतंकी संगठनों के साथ PFI के संबंध- केंद्र सरकार

गृह मंत्रालय ने कहा, उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है. अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं.

अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं.

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