शाम तक साबरमती जेल पहुंचेगा अतीक का काफिला

माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद को अपहरण के एक मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से उम्र कैद की सज़ा सुनाए जाने के बाद पुलिस अब उसे वापस से साबरमती सेंट्रल जेल लेकर जा रही है. प्रयागरात से मंगलवार रात गुजरात के लिए रवाना हुई यूपी पुलिस की टीम बुधवार सुबह कोटा पहुंची. इस दौरान माफिया अतीक के चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी.

कभी अपनी गुंडागर्दी के लिए कुख्यात रहे इस माफिया की मायूसी का आलम यह था कि कोटा के अनंतपुर थाने में जब पुलिस का काफिला रुका, तो अतीक वाहन से नीचे ही नहीं उतरा. यूपी पुलिस के जवान जब अनंतपुर थाने परिसर में नाश्ता-पानी कर रहे थे, तब अतीक मायूस सा पुलिस के वज्रवाहन में बैठा दिखा. यहां थोड़ी देर रुकने के बाद यूपी पुलिस का काफिला अतिक को लेकर एक बार गुजरात के लिए रवाना हो गया.

राजस्थान से गुजरात सीमा तक पहुंचने के लिए अतीक अहमद को 650 किलोमीटर का सफर तय करना होगा. इस दौरान सात जिलों से गुजरेगा, जिसमें करीब 11 घंटे का वक्त लगने का अनुमान है. ऐसे में माना जा रहा है कि साबरमती जेल पहुंचने में उसे बुधवार देर शाम तक का वक्त लग सकता है.

बता दें कि अतीक अहमद को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए साबरमती जेल से सड़क मार्ग से लाया गया था. कोर्ट ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम उम्रकैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गई थी.

अतीक अहमद के खिलाफ 100 से ज्यादा केस
गौरतलब है कि फूलपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में तब गुजरात के साबरमती केंद्रीय जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था, जब उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगाया गया था.

अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है. उसे पहली बार किसी मामले में सजा सुनायी गई है. बीती 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के अगले दिन उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और कई अन्य लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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