रामचरितमानस एक पवित्र ग्रंथ है और वो समाज को जोड़ता है-योगी आदित्यनाथ

रामचरित मानस पर टिप्पणियों ने पिछले कई दिनों से सुर्खियों में अपनी जगह बनाई है. उत्तर प्रदेश के जिस नेता से इन टिप्पणियों और सुर्खियों की शुरुआत हुई थी, वो कभी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री थे. हालांकि अब स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के साथ हैं और बीजेपी उनपर हमलावर है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ अब भी सरकार में काबिज हैं. वो तक इस विवाद पर चुप थे, लेकिन हाल ही में एक न्यूज चैनल द्वारा लिए इंटरव्यू में उन्होंने अपना रुख इस विवाद पर साफ किया है.

जब  से रामचरित मानस को लेकर छिड़े विवाद और विपक्षी दलों द्वारा की जा रही टिप्पणियों से संबंधित सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि जब भी हम (सरकार) उत्तर प्रदेश में कोई बड़ी योजना लाती है तब विकास विरोधी लोग इस तरह के मुद्दे लेकर आते हैं. जी-20 समिट के साथ-साथ ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट सूबे के लिए बहुत बड़े उत्सव हैं. दुनिया, भारत की ओर देख रही है. इसलिए विकास के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं. इसके अलावा कुछ भी नहीं है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा था कि उनके लिए रामचरितमानस धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि संविंधान है. अखिलेश यादव ने भी खुद को शूद्र बताने के बाद अंबेडकर को उनका धर्म बताया था. अखिलेश यादव का कहना है कि वो सदन में योगी आदित्यनाथ से भी ये सवाल करेंगे. इसपर योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि जब वो सदन में ये सवाल करेंगे तो उन्हें माकूल जवाब मिलेगा. ये सवाल जब आएगा उसका तभी जवाब भी दिया जाएगा.

रामचरितमानस जलाने वालों पर बोले योगी

कुछ लोगों ने विरोध जताने के लिए रामचरितमानस की प्रतियों को जलाया भी था. ऐसे लोगों पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. रामचरितमानस एक पवित्र ग्रंथ है और वो समाज को जोड़ता है. रामचरितमानस के साथ भावनाएं जुड़ी हुई हैं और वो उत्तर भारत के हर घर में पढ़ी जाती है. हर साल सितंबर में उत्तर भारत के गांवों में रामलीला का आयोजन किया जाता है. तुलसीदास ने इसकी रचना की है और ये ग्रंथ लोगों को जोड़ता है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर इन लोगों को पता होता कि रामचरितमानस इसलिए है तो ये कभी उसपर सवाल नहीं उठाते.

रामचरित मानस के जरिए पिछड़ों की राजनीति से संबंधित सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस राज्य के लोगों ने कई तरह के विभाजन देखे हैं. विभाजन के कारण उन्हें अपनी पहचान तक खोनी पड़ी थी. इस राज्य के लोगों ने कई बार विभाजनकारी ताकतों को खारिज किया है. विपक्ष के सामने अब कोई रास्ता नहीं है, चाहे विपक्ष कुछ भी कर ले.

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