यूपी: खुशखबरी…फीस कंट्रोल अध्यादेश को मिली मंजूरी, निजी स्कूलों पर कसी नकेल

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अभिभावकों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है. यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार (09 अप्रैल) शाम को फीस नियंत्रण अध्यादेश- 2018 को मंजूरी दे दी है. अब न तो निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल सकेंगे और न ही 5 साल से पहले यूनिफॉर्म बदल सकेंगे. इसके दायरे में 20 हजार रुपए से ज्यादा सालाना फीस लेने वाले सभी स्कूल आएंगे. राज्यपाल की मंजूरी के बाद प्रमुख सचिव (विधायी) वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी. अब अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रदेश में फीस नियंत्रण कानून प्रभावी हो गया है.

5% से ज्यादा नहीं बढ़ा सकेंगे फीस
अध्यादेश के मुताबिक, निजी स्कूल वार्षिक फीस में 5 फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं कर सकेंगे. स्कूलों को फीस स्ट्रक्चर अनिवार्य रूप से वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा. वहीं, स्कूल अब एडमिशन फीस सिर्फ एक बार ही वसूल सकेंगे. फीस निर्धारण के लिए 2015-16 को आधार वर्ष माना जाएगा.

दो भागों में फीस स्ट्रक्चर
फीस पर मनमानी रोकने के लिए इसे दो स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे. पहले भाग में संभावित शुल्क होगा, जिसमें पंजीकरण, प्रवेश, परीक्षा और संयुक्त वार्षिक शुल्क शामिल होगा. इसके अलावा वैकल्पिक शुल्क में बस का किराया, बोर्डिंग, मेस, डाइनिंग, शैक्षणिक भ्रमण और अन्य फीस शामिल होगी. ये सभी शुल्क तभी लिए जा सकेंगे जब, छात्र इन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा होगा.

सरकार ने दिखाई सख्ती
फीस नियंत्रण अध्यादेश को लागू करने के लिए सख्ती दिखाई गई है. शुल्क नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक मंडल में मंडलीय समिति बनाई जाएगी. जिसका फैसला न मानने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाईओ की जाएगी. पहली बार में 1 लाख का जुर्माना, दूसरी बार में 5 लाख का जुर्माना और तीसरी बार उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इसके साथ ही अभिभावकों की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया जाएगा और जल्द जांच के बाद स्कूल से पूछताछ की जाएगी.

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