पूर्व मुख्‍यमंत्रियों ने देर से खाली किए सरकारी बंगले, SC ने मांगा यूपी सरकार से जवाब

नई दिल्ली 

यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले आवंटित सरकारी बंगले तय समय पर खाली न करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बंगले को खाली करने संबंधी फाइल दाखिल करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्‍ताह बाद होगी. दरअसल याचिकाकर्ता संस्था लोकप्रहरी ने नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना याचिका दायर की है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से सरकारी बंगले देरी से खाली करने पर उनसे बंगले का मार्केट रेट का किराया वसूलने की मांग की गई है.

दरअसल दो साल पहले एक अगस्‍त, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले दो महीने में खाली करने का आदेश दिया था जो कि तब उन्हें 30 सितंबर, 2016 तक बंगले खाली करने थे जो कि तब किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने बंगले खाली नहीं किए. इसके बाद पिछले साल चार जनवरी 2017 को यूपी सरकार नया कानून ले आई जिसमें यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित करने का नियम बना दिया.

लेकिन यह नियम जनवरी 2017 में आया जबकि सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2016 के पुराने आदेश के मद्देनजर नेताओं को 30 सितबंर, 2016 तक सरकारी बंगले खाली करने थे, जिसे याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यूपी के छह पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने थे. इनमें राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव, कल्‍याण सिंह, एनडी तिवारी, मायावती और अखिलेश यादव शामिल है.

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